उदयपुर

मां से दूधमुंही बच्ची को छीना और अस्‍पताल के पालने में डालकर गायब हो गया पिता, रातभर बच्‍ची को तलाशती रही मां

पत‍ि बेटी को छोड़़ आया पालने में, मां तड़पती रही फ‍िर पता लगने पर एमबी चिकित्सालय के पालने में पहुंची तो उसे बच्ची सकुशल वार्ड में उपचार लेती मिली

उदयपुरOct 09, 2019 / 01:34 pm

madhulika singh

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मो. इल‍ियास/ उदयपुर. नवरात्र की नवमी पर जहां जगह-जगह कन्याओं का पूजन किया जा रहा है। इसके उलट यहां एक पिता ने मां से बच्ची को ही बिछड़ा दिया और वह गायब हो गया। रातभर तड़पती मां अपनी बच्ची के साथ ही पति को दर-दर ढूंढती रही। जैसे-तैसे पति से सम्पर्क हो पाया तो उसने बच्ची को पालने में डालने की जानकारी दी। मां दौड़ी-दौड़ी एमबी चिकित्सालय के पालने में पहुंची उसे बच्ची सकुशल वार्ड में उपचार लेती मिली। बच्ची को देखती ही वह फफक पड़ी, गले लगाकर देर तक चूमती रही, कानूनी पचड़ों से निपटने के बाद शाम को वह उसे घर ले गई। हर किसी के मन को द्रवित करने वाले मां-बेटी के इस मिलन को जिस किसी ने देखा सुना उनके मुंह से एक ही बात निकली नवमी के दिन ‘मां’ आद्या ने एक मां को खुशियों का वरदान दे उसकी खाली झोली भर डाली।
नीमचखेड़ा देवाली निवासी सोनू ने पुलिस व बाल कल्याण समिति के सदस्यों को दी जानकारी में बताया कि सवा माह पहले उसने बच्ची को जन्म दिया था। पीडि़ता का कहना है कि रविवार को नवरात्र के अष्टमी के दिन बीमारी हालत में बच्ची को दूध नहीं मिलने से अवगत कराते हुए पति शिवम बागवान से कुछ अच्छा खिलाने की बात कही। यह बात पति को नागवार गुजरी वह पत्नी सोनू के बाथरूम में जातेे ही बच्ची को उठा ले गया। सोनू को पता चला तो उसने पति को फोन लगाया तो वह स्वीच ऑफ मिला। वह बीमार हालत में अपनी रिश्तेदार बहन के साथ ही शहर के अलग-अलग इलाकों में पति व बच्ची को ढूंढ़ती रही लेकिन रातभर दोनों को पता नहीं चला। मां दुर्गा के सामने घुटने टेक व सिर्फ उनकी सलामती की दुआएं ही करती रही। मां ने भी उसकी पुकार सुनी और उसे वापस बच्ची सकुशल मिल गई।

आत्महत्या की धमकी दी तो बताया पति ने

सोनू ने बयानों में बताया कि बार-बार कॉल लगाने पर सुबह पति ने एक बार मोबाइल उठाया। सोनू का कहना है कि उसने पति को बच्ची के बारे में पूछा तो वह गुमराह करने लगा। बाद में जब उसने आत्महत्या की धमकी दी तो उसने बच्ची को एमबी. चिकित्‍सालय के पालनागृह में डालने की जानकारी दी और बाद में पति ने वापस फोन स्वीच ऑफ कर दिया। सोनू अपनी बहन के साथ अस्पताल पहुंची तो उसे बच्ची वार्ड में भर्ती मिली। वह बच्ची को देख काफी बिलखती रही। वह बच्ची को ले जाने लगी तो कानून पचड़ों की वजह से उसे एक बार नहीं ले पाए। अस्पताल अधीक्षक लाखन पोसवाल ने इसकी जानकारी बाल कल्याण समिति को दी। समिति के कहेनुसार सोनू ने इस संबंध में हाथीपोल थाने में रिपोर्ट दी। उसके बाद पुलिस ने मां को सीडब्ल्यूडी के समक्ष पेश किया। अध्यक्ष डॉ.प्रीति जैन, सदस्य बी.के.गुप्ता, हरीश पालीवाल, सुशील दशोरा व डॉ.राजकुमारी भार्गव ने हाथीपोल थानाधिकारी आदर्श कुमार को बच्ची मां के सुपुदर्गी के आदेश दिए।

घंटो चूमती रही, फिर ‘देवी मां’ के लगी धोक

बच्ची के सकुशल मिलने पर सोनू घंटों उससे आंचल लेकर चूमती रही। घर पहुंचकर व देवी मां के धोक लगी। इस दौरान रिश्तेदार, परिचित अस्पताल पहुंचे और वे पति को कोसते रहे। सोनू ने बयानों में बताया कि पति शिवम के पहले पत्नी से एक बच्ची है। वह उसे भी अपनी बच्ची से ज्यादा चाहती है।

बालिका की देखभाल के निर्देश

संरक्षक पिता की ओर से इस तरह बिना किसी सामाजिक मजबूरी के नवजात बालिका को छोडऩा अपराध की श्रेणी में आता है। इस मामले में किशोर न्याय अधिनियम के तहत सीडब्ल्यूसी न्यायपीठ ने बालिका को शीघ्र ही संबंधित थाने को आदेशित कर जैविक माता के द्वारा बालिका के जन्म संंबंधित दस्तावेजों की पुष्टि के आधार पर मां को सुपुर्द किया तथा हॉस्पिटल अधीक्षक को भी बालिका की सम्पूर्ण देखभाल के निर्देश दिए है।
बी.के.गुप्ता, सीडब्ल्यूसी सदस्य

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