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अपनों को खो देने के भय में समझदारी पर आवेश हो रहा हावी

locationउदयपुरPublished: Jun 09, 2021 07:46:00 am

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– चिकित्साकर्मियों के साथ परिजनों के हो रहे झगड़े- दो महीनों में 60 से अधिक मामले आए सामने
– दो मामलों में एमबी प्रशासन ने की पुलिस से शिकायत

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भुवनेश पंड्या

उदयपुर. कोरोना संक्रमित रोगियों के तिमारदारों पर अपनों को खो देने का भय इस कद्र हावी हो रहा है कि वे समझदारी से काम लेने के बजाय आवेश में आ रहे हैं। ऐसे में आए दिन चिकित्साकर्मियों से झगड़े हो रहे हैं।
महाराणा भूपाल हॉस्पिटल, इएसआईसी व एसएस ब्लॉक में भर्ती कोरोना मरीजों के तिमारदार मुश्किल घड़ी में समझदारी से काम लेने के बजाय आवेश में आ रहे हैं। उन्हें अपनों को खो देने का डर सता रहा है, लिहाजा वे छोटी-बड़ी बात पर नर्सिंग स्टाफ से उलझ रहे हैं। कई पिछले दिनों कुछ मामले ऐसे सामने आए, जिनमें तिमारदारों की चिकित्सकों से हुई तू तू-मैं मैं लात घूसों तक पहुंच गई। इस दरमियान महिला चिकित्सकर्मियों तक से मारपीट की नौबत सामने आ गई। एमबी हॉस्पिटल प्रशासन ने पुलिस कार्रवाई शुरू की है।
वीडियो वायरल करना आमबात
– पिछले दिनों में सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो भी वायरल हुए, जिनमें चिकित्सक व चिकित्साकर्मियों से तिमारदार उलझ रहे हैं। आपस में बहसबाजी में अभद्र भाषा का इस्तेमाल तक हो रहा है।
– ऐसे वीडियो भी लोगों ने जहां-तहां पोस्ट किए जिनमें गलत उपचार करने, गलत इंजेक्शन लगाने व समय पर मरीज को नहीं देखने से मरीज की मौत होने की शिकायत की गई हो।
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हड़ताल की चेतावनी
केस- 1
– बीते सप्ताह इएनटी वार्ड में एक बुजुर्ग को ऑक्सीजन लाइन से सिलेंडर पर शिफ्ट करने की तैयारी की बात पर परिजन हाथापाई पर उतर आए। बुजुर्ग के मरने की स्थिति बता मर्डर केस करने की धमकी दे दी। इस पर रेजिडेंट्स हड़ताल की चेतावनी देकर बाहर आ गए थे, हालांकि समझाइश के बाद उन्होंने फिर से काम शुरू किया। इसमें एमबी प्रशासन ने हाथीपोल थाने में कार्रवाई की शिकायत दी है।
केस-2
पिछले दिनों इसएसआईसी में एक स्टाफकर्मी महिला भर्ती थी, उसकी बेटी बाहर से एमबीबीएस पूरा कर चुकी थी, जो उसके साथ वार्ड में थी, वह मरीज को लगा रखे बायपेप को लेकर एक अन्य ड्यूटी पर कार्यरत महिला रेजिडेंटस से उलझ पड़ी। चर्चा तो यहां तक सामने आई कि उस मरीज की बेटी ने रेजिडेंट्स पर हाथ उठाने का प्रयास किया। इसे लेकर भी मामला पुलिस तक पहुंचा है।
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कर रहे समझाइश

अलग-अलग वार्डों से रोजाना दस से ज्यादा ऐसे मामले आने लगे हैं। परिजनों को शांत रहकर उपचार करवाना चाहिए, वहीं चिकित्सकों को भी स्थिति को देखते हुए शांतिपूर्वक काम करना होगा। लोग मरीज की मौत पर चिकित्सकों से उलझते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। कई बार तिमारदार ही डॉक्टर की तरह सलाह देने लगते हैं। हम रेजिडेंट्स को भी समझा रहे हैं कि इस समय में वे परिस्थिति को देख केवल काम पर फोकस करें।
डॉ. आरएल सुमन, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल
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