READ MORE : India-ASEAN @ 25 : उदयपुर में दिखे कलर्स ऑफ आसियान, 10 देशों के कलाकाराेें का गजब का आर्ट वर्क अशोकनगर निवासी अनिल अग्रवाल ने शास्त्रीसर्कल स्थित सहकारी सुपर मार्केट व ईस्ट मुंबई स्थित पारले प्रोडेक्ट कंपनी के खिलाफ मारुति सेवा समिति के प्रमोद झंवर के मार्फत वाद दायर किया था। इसमें बताया कि 16 जून 2016 को सुपर मार्केट से 10 पैकेट बिस्किट खरीद कर 48 रुपए भुगतान किया। प्रति पैकेट पर 70 ग्राम वजन लिखा था। परिवादी ने जब उसे जेवर तोलने के कांटे से पैकेट तोला तो वे 21 ग्राम कम निकले। जिला उपभोक्ता के अध्यक्ष रणधीरसिंह नरूका, सदस्य अनुभा शर्मा ने इसे गंभीर मानते हुए कंपनी पर जुर्माना लगाया।
दुर्घटनाग्रस्त वाहन का देना पड़ा बीमा
जिला उपभोक्ता मंच ने अहमदाबाद स्थित इफको टोक्यो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की सेवा को भी दोषपूर्ण मानते हुए परिवादी को बीमा राशि के 45 हजार रुपए 9 प्रतिशत ब्याज सहित देने के आदेश दिए। परिवादी पानेरियों की मादड़ी निवासी मनोज पुत्र शांतिलाल मेनारिया को मानसिक प्रताडऩा व वाद व्यय के 8 हजार रुपए भी अलग से दिलाए। परिवादी का कहना है कि 2 फरवरी 2012 से उसकी गाड़ी का संबंधित कंपनी से एक वर्ष का बीमा था। इस अवधि में उसकी गाड़ी ब्यावर से उदयपुर आते कैलाशपुरी के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में गाड़ी में सवार मधु की मौत हो गई। दुर्घटनाग्रस्त वाहन को ठीक कराने में जो राशि लगी, उसका क्लेम कंपनी ने खारिज कर दिया था।
जिला उपभोक्ता मंच ने अहमदाबाद स्थित इफको टोक्यो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की सेवा को भी दोषपूर्ण मानते हुए परिवादी को बीमा राशि के 45 हजार रुपए 9 प्रतिशत ब्याज सहित देने के आदेश दिए। परिवादी पानेरियों की मादड़ी निवासी मनोज पुत्र शांतिलाल मेनारिया को मानसिक प्रताडऩा व वाद व्यय के 8 हजार रुपए भी अलग से दिलाए। परिवादी का कहना है कि 2 फरवरी 2012 से उसकी गाड़ी का संबंधित कंपनी से एक वर्ष का बीमा था। इस अवधि में उसकी गाड़ी ब्यावर से उदयपुर आते कैलाशपुरी के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में गाड़ी में सवार मधु की मौत हो गई। दुर्घटनाग्रस्त वाहन को ठीक कराने में जो राशि लगी, उसका क्लेम कंपनी ने खारिज कर दिया था।
सुविधा नहीं दी तो भरना पड़ा हर्जाना और खर्चा
उपभोक्ता मंच ने कॉम्पलेक्स में विक्रय किए गए फ्लेट में सुविधा पूरी नहीं देने पर कॉम्पलेक्स मालिक अली असगर, तुरूद्दीन मगर व बतुल बेगम को आदेश दिया कि वह परिवादी शहनाज अली को 15 हजार रुपए मानसिक परेशानी के अलावा वाद व वकील की खर्च के 7 हजार रुपए अलग से अदा करे। परिवादी शहनाज अली का कहना था कि विपक्षियों ने पानेरी उपवन में हुसैनी अपार्टमेंट बनाया था। ग्राउंड फ्लोर पार्किंग के लिए रखा। फस्र्ट व सेकंड फ्लोर पर 4-4 फ्लेट बनाए। परिवादिया ने भी मार्च 2015 में सेकंड फ्लोर पर 21 लाख 11 हजार रुपए में 2 बीएचके फ्लेट खरीदा। ग्राउंड फ्लोर पर नक्शे के मुताबिक पूरा पार्किंग स्थल था लेकिन विपक्षी ने वहां आधी जगह पर हॉल व कमरे बना दिए। इससे पार्किंग करना मुश्किल हो गया। लिफ्ट के लिए जो जगह छोड़ी थी वह भी नहीं लगाई। फ्लेट में कुछ ही समय बाद प्लस्तर भी गिर गया। बिजली, पानी की पाइपलाइन भी उखड़ गई। विपक्षी ने जवाब दिया आर्किटेक्ट ने दो मंजिला ही फ्लेट होने से सुरक्षा की दृष्टि से लिफ्ट लगाने से मना कर दिया। बाकी अन्य समस्याओं को उसने दुरुस्त करवा दिया।
उपभोक्ता मंच ने कॉम्पलेक्स में विक्रय किए गए फ्लेट में सुविधा पूरी नहीं देने पर कॉम्पलेक्स मालिक अली असगर, तुरूद्दीन मगर व बतुल बेगम को आदेश दिया कि वह परिवादी शहनाज अली को 15 हजार रुपए मानसिक परेशानी के अलावा वाद व वकील की खर्च के 7 हजार रुपए अलग से अदा करे। परिवादी शहनाज अली का कहना था कि विपक्षियों ने पानेरी उपवन में हुसैनी अपार्टमेंट बनाया था। ग्राउंड फ्लोर पार्किंग के लिए रखा। फस्र्ट व सेकंड फ्लोर पर 4-4 फ्लेट बनाए। परिवादिया ने भी मार्च 2015 में सेकंड फ्लोर पर 21 लाख 11 हजार रुपए में 2 बीएचके फ्लेट खरीदा। ग्राउंड फ्लोर पर नक्शे के मुताबिक पूरा पार्किंग स्थल था लेकिन विपक्षी ने वहां आधी जगह पर हॉल व कमरे बना दिए। इससे पार्किंग करना मुश्किल हो गया। लिफ्ट के लिए जो जगह छोड़ी थी वह भी नहीं लगाई। फ्लेट में कुछ ही समय बाद प्लस्तर भी गिर गया। बिजली, पानी की पाइपलाइन भी उखड़ गई। विपक्षी ने जवाब दिया आर्किटेक्ट ने दो मंजिला ही फ्लेट होने से सुरक्षा की दृष्टि से लिफ्ट लगाने से मना कर दिया। बाकी अन्य समस्याओं को उसने दुरुस्त करवा दिया।