आसमान छूती लपटें देखकर लोगों ने प्राथमिक एहतियात के तौर पर खुद का घर बचाने के जतन किए। साथ ही सूचना से पुलिस नियंत्रण कक्ष, थाना पुलिस और दमकल कार्यालय को सूचित किया। दमकल वाहनों के साथ पुलिस की सक्रियता वाले प्रयासों के बीच बेकाबू आग को रोकने के प्रयास किए गए। तभी रात करीब 1.45 बजे वेदांता गु्रप के दमकलकार्मिकों ने अपग्रेड वाहन के साथ मोर्चा संभाला और घंटों तक आग बुझाने में डटे रहे। स्थानीय लोगों की भीड़ भी मौके पर आ जुटी, हालांकि निर्धारित बाड़े में लगी हुई आग को लेकर कोई अफरा-तफरी का माहौल नहीं बना। इससे पहले आग देखकर परिसर में सो रहे कुछ कर्मचारी जान बचाकर मौके से भाग निकले। देर रात तक हुए पुलिस अनुसंधान में आग के कारणों का स्पष्ट खुलासा तो नहीं हुआ, लेकिन रंजिशवश बाड़े में आग लगाने की अफवाहें लोगों के बीच चर्चा की वजह बनी रही।
READ MORE : उदयपुर के एक होटल का मिनी जू हुआ पूर्णतया बंद, चीतल बाघदड़ा छोड़े बाघदड़ा नेचर पार्क में आग बुझाने को प्राथमिकता दे रहे सूरजपोल थाना प्रभारी हेरम्भ जोशी, परसाद थानाधिकारी देवेंद्रसिंह की कंपनी मालिक कुणाल चौधरी से सीधे मुलाकात नहीं हो सकी। इस बीच में मालिक के पिता धनंजय चौधरी मौके पर पहुंचे। उनकी ओर से नुकसान का अंदाजा नहीं लगाया जा सका, लेकिन भाजयुमो शहर उपाध्यक्ष सनी पोखरना ने बताया कि नुकसान करीब करोड़ों में है। संबंधित कंपनी ऑफ सीजन में प्लास्टिक कुलर के कच्चे माल का दिल्ली से उदयुपर लाकर स्टोक करती है और एसेम्बलिंग कर गर्मी के दिनों में बाजार पर उतारती है। कयास के अनुसार नुकसान करीब 4 से 8 करोड़ के बीच में आंका गया।