आग की लपटें इस कदर उठीं की रिपेयरिंग करने वालों को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। पानी छिडककर आग की लपटों को शांत किया लेकिन धुआंं उठता रहा। इस दौरान स्टेशन पर काफी यात्री इस ट्रेन में बैठने का इंतजार ही करते रह गए। हादसा स्टेशन से कुछ ही दूरी पर हुआ जिससे इसमें बैठने के लिए कुछ पर्यटक ट्रेन के पास पहुंच गए थे लेकिन आग लगते ही उन्हें भी भागना पड़ा। हादसे को देख पर्यटक सहम से गए। गौरतलब है कि यह बच्चों की रेलगाड़ी कई बार हादसों का शिकार हो चुकी है लेकिन नगर निगम और संचालन करने वाली एजेंसी की ओर से इसको रेाकने के तमाम दावे खोखले साबित हुए हैं।
READ MORE : उदयपुर के पुलिस जवानों से नहीं छूट रहा अपने थानों का मोह, तबादले के बावजूद कई पुलिस जवानों ने नए थानों में नहीं दी ज्वाइनिंग गुलाबबाग में चलने वाली बच्चों की रेलगाड़ी हादसों की रेलगाड़ी बनकर रह गई है। यह तो गनीमत रही कि अब तक के हुए हादसों में किसी की जान नहीं गई नहीं तो पर्यटक नगरी का यह डेस्टिनेशन बदनाम हो जाता। यह कोई पहली बार नहीं हुआ यह ट्रेन खस्ताहाल ट्रेक और ट्रेन के कारण पहले भी कई बार पलट चुकी थी लेकिन ठेकेदार रुपए कमाने के अलावा मेंटेनेस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा था। यही नहीं वह हर बार हादसे की वजह असामाजिक तत्वोा पर थोप कर बच रहा था एेेेेसे में ट्रेन संचालन रोक दिया गया था। लेकिन बाद में पुन: ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया गया था।