पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गत 19 सितम्बर को चित्तौडगढ़़ मार्ग पर वाना-कीर की चौकी के बीच एक बेरियर पर बाइक की भिड़न्त के बाद हुए झगड़े में बीच-बचाव करने आए कालू खां (38) पुत्र मोहम्मद हुसैन की हत्या के बाद पुलिस ने मुजफ्फर उर्फ गोगा को नामजद किया था। गोगा की दुर्घटना में घायल हुए गुलाबीनगर (खेरोदा) निवासी चेनाराम (48) पुत्र पृथ्वीराज माली व उसकी पत्नी लक्ष्मी के अलावा कई ग्रामीणों ने उसकी पहचान की थी। पुलिस ने उसके बाद से इमरान कूंजड़ा के गुर्गे मुजफ्फर गोगा पर नजर रखी तो वह साथियों के साथ अलग-अलग जगह घूमता रहा। गुरुवार को वह मनू मेवाती, इमू व साजिद के साथ भीलवाड़ा से कपासन पहुंचा। सूचना मिलते ही पुलिस हथियारों से लैस होकर दबिश देने पहुंची, तभी सभी आरोपियों का लदानी गांव में आमना-सामना हो गया। मावली थाना पुलिस ने चारों आरोपियों के विरुद्ध फायरिंग व राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज किया।
–– फरारी के बाद से हथियार लेकर घूम रहा था गोगा
पुलिस ने बताया कि मुजफ्फर फरारी के बाद से हथियार लेकर घूम रहा था। शहर में कई वारदातों के बाद उसने 19 सितम्बर को भी कालू की हत्या कर दी। वह छोटे-मोटे झगड़े पर ही बार-बार हथियार निकालकर लगातार सनसनी फैला रहा था। लदानी में मौके से फरार होने के बाद उसे पकडऩे के लिए पुलिस ने काफी पीछा किया लेकिन वह तेज गति से बाइक से भगाने में सफल रहा। पुलिस का कहना है कि वारदात के बाद राजसमंद, चित्तौडगढ़़ में भी नाकाबंदी करवाई लेकिन पता नहीं चला।
पुलिस ने बताया कि मुजफ्फर फरारी के बाद से हथियार लेकर घूम रहा था। शहर में कई वारदातों के बाद उसने 19 सितम्बर को भी कालू की हत्या कर दी। वह छोटे-मोटे झगड़े पर ही बार-बार हथियार निकालकर लगातार सनसनी फैला रहा था। लदानी में मौके से फरार होने के बाद उसे पकडऩे के लिए पुलिस ने काफी पीछा किया लेकिन वह तेज गति से बाइक से भगाने में सफल रहा। पुलिस का कहना है कि वारदात के बाद राजसमंद, चित्तौडगढ़़ में भी नाकाबंदी करवाई लेकिन पता नहीं चला।
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पुलिस व अपराधियों की मुठभेड के बाद दोनों घायलों को उदयपुर रेफर के दौरान पहले ही अस्पताल की इमरजेंसी में एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस ने घायलों को उपचार करवाया, परिजनों को जानकारी दी। चिकित्सकों ने देर रात इमरान के पैर में गोली फंसी होने की भी जानकारी दी।
पुलिस व अपराधियों की मुठभेड के बाद दोनों घायलों को उदयपुर रेफर के दौरान पहले ही अस्पताल की इमरजेंसी में एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस ने घायलों को उपचार करवाया, परिजनों को जानकारी दी। चिकित्सकों ने देर रात इमरान के पैर में गोली फंसी होने की भी जानकारी दी।
— पिता बोले, मैं सरेंडर करवा रहा था फायरिंग का पता चलने के बाद इमरान का पिता शकील चिल्लाते हुए इमरजेंसी में पहुंचा। पुलिस ने उसे रोकना चाहा तो वह उन पर चिल्लाता हुए इमरान के पास पहुंचा। उसके बाद बाहर आकर चिल्लाने लगा कि मैं सरेंडर करवा रहा था। पुलिस ने विश्वास में लेकर उसे गोली में मार दी। इस बीच सूचना पर अस्पताल में कई लोग पहुंच गए।
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गोगा के मरने की फैली अफवाह मुठभेड़ में गोगा के मरने की शहर में सोशल मीडिया पर अफवाह फैल गई। देर रात तक कोई गोगा का शव मावली चिकित्सालय में तो कोई एमबी चिकित्सालय के मुर्दाघर में होने की जानकारी देता रहा। इधर, पुलिस ने ऐसी जानकारी को गलत बताते हुए गोगा को फरार बताया।