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उदयपुर के इस गांव में पहली बार फहराया तिरंगा

locationउदयपुरPublished: Jan 28, 2020 02:13:44 am

Submitted by:

Pankaj

71वें गणतन्त्र दिवस पर मना उत्सव

उदयपुर के इस गांव में पहली बार फहराया तिरंगा

उदयपुर के इस गांव में पहली बार फहराया तिरंगा

पंकज वैष्णव/उदयपुर . जहां पूरे देश ने 71वां गणतन्त्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया, वहीं 100 से ज्यादा बच्चे पहली बार अपने गांव में ध्वजारोहण होता देख रहे हैं। यह मेरे लिए काफी चौकाने वाला है। संविधान निर्माण के इतने वर्षों बाद भी यहां 3.5 किमी की दूरी तक कोई राजकीय विद्यालय, आंगनवाड़ी एवं स्वास्थ्य केन्द्र नहीं होना, यहां के बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन है। राजस्थान बाल आयोग एवं राजस्थान सरकार यहां के बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए, यहां की प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे।
यह विचार राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राजस्थान सरकार के सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने आईआईएफएल फाउण्डेशन एवं गायत्री सेवा संस्थान द्वारा उदयपुर जिले के झल्लारा पंचायत समिति के मोरेला ग्राम पंचायत के डागलिया फला में आयोजित प्रथम ध्वजारोहण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
डॉ. पण्ड्या ने सभी उपस्थित ग्रामिणों एवं बच्चो को गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उनसे खुली चर्चा कर उनकी समस्याओं को जाना। स्थानीय गांव में शिक्षा से वंचित 62 बच्चों के लिए संचालित ‘सखियों की बाड़ीÓ नि:शुल्क शिक्षा केन्द्र की सराहना करते हुए, यहां नियमित पढऩे आने वाली बालिकाओं एवं उनके अभिभावकों को आयोग सदस्य द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति, उदयपुर के सदस्य जिग्नेश दवे ने केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी देते हुए, स्थानिय यूवाओं को गांव के विकास के लिए आगे आकर एक दल बनाकर नियमित सम्पर्क में रहने की बात कही।
गायत्री सेवा संस्थान के परियोजना समन्वयक नितीन पालीवाल ने बताया कि हमारी संस्थान प्रति वर्ष प्रयास करती है कि स्वतन्त्रता दिवस एवं गणतन्त्र दिवस किसी ऐसे दूर-दराज के जनजाति क्षेत्र में जाकर मनाए जहां कभी आजादी के बाद ध्वजारोहण न हुआ हो।
बाल आयोग सदस्य द्वारा गणतन्त्र दिवस के इस पहले कार्यक्रम में ध्वजारोहण के लिए डागलिया फला के सबसे बुजुर्ग 82 वर्षीय हीरा बा से अनुरोध कर उन्हें पगड़ी, उपरणा से सम्मानित कर उनके हाथों ध्वजारोहण करवाया गया।
स्थानीय शंकर मीणा ने बाल आयोग सदस्य से आग्रह करते हुए बताया कि डागलिया फला में कभी कोई स्वास्थ्य कार्यकर्ता नहीं आता, माइनिंग क्षेत्र होने से कच्चे रास्तों पर दिन रात बड़ी गाडिय़ां चलती है, जिनसे दिन भर धूल, मिट्टी उड़ती रहती है। कई बच्चों को इस कारण श्वास लेने में तकलीफ आ रही है।
प्रथम गणतंत्र दिवस एवं ध्वाजरोहण कार्यक्रम में गायत्री सेवा संस्थान के प्रतिनिधि, समाज सेवी दिनेश औदिच्य, खेमराज प्रजापत, मोहन मीणा, केन्द्र संचालक धूली देवी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं बच्चे उपस्थित रहे। डागलिया फला में पहली बार राज्य स्तर से किसी प्रतिनिधि के पधारने पर ग्रामीणों ने बाल आयोग सदस्य का ढोल, नगाडो से स्वागत कर उन्हें पगड़ी पहनाई। सखियों की बाड़ी केन्द्र में शिक्षा से वंचित बालिकाओं ने जुडऩे के बाद, जो कुछ सिखा उसकी प्रस्तुति देते हुए रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
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