उदयपुरPublished: Sep 16, 2023 05:29:57 pm
Madhusudan Sharma
उदयपुर में कृषि के क्षेत्र में फसलों पर किए जा रहे नवाचार के कारण इसकी अलग ही पहचान बन रही है। ऐसी ही पहचान राजस्थान कृषि महाविद्यालय ने भी बनाई है। जहां पर तीन प्रकार की विदेशी सब्जियां उगाकर इसे साबित किया है।
मधुसूदन शर्मा
उदयपुर. उदयपुर में कृषि के क्षेत्र में फसलों पर किए जा रहे नवाचार के कारण इसकी अलग ही पहचान बन रही है। ऐसी ही पहचान राजस्थान कृषि महाविद्यालय ने भी बनाई है। जहां पर तीन प्रकार की विदेशी सब्जियां उगाकर इसे साबित किया है। आपको बता दें कि इन सब्जियों की डिमांड उदयपुर के फाइव व सेवन स्टार होटलों में है। ये तीन सब्जियां पार्सले, सैलेरी और बासिल है। ये तीनों ही विदेशी सब्जियां औषधीय गुणों से भरपूर है। इस संबंध में वरिष्ठ सब्जी वैज्ञानिक डा.कपिल आमेटा ने बताया कि इन सब्जियों की डिमांड विदेश में ज्यादा रहती है। उदयपुर में इन सब्जियों को बाहर से मंगवाया जाता था, लेकिन अब यहां उत्पादन होने से ये उदयपुर के होटलों में भी भेजी जा रही है। यहां के स्थानीय वैंडर्स महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से संबद्ध राजस्थान कृषि महाविद्यालय से सौ से डेढ़ सौ रुपए किलो में ले जाते हैं और तीन सौ से चार सौ रुपए किलो तक विक्रय कर रहे हैं। इसमें खास बात ये है कि इन तीनों को जैविक खाद से तैयार किया है। सेलेरी का वैज्ञानिक नाम एपियम ग्रेवेलैन्स, पार्सले का वैज्ञानिक नाम पैट्रौसैलीनम क्रिस्पम, थाई बैसील का वैज्ञानिक नाम ओसीमम बासीलीकम है।