वन्यजीवों के आबादी क्षेत्र मेंं आने पर किस तरह से उनका बचाव हो, ये सीख रहे वनरक्षक-वनपाल
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वन्यजीवों के आबादी क्षेत्र मेंं आने पर किस तरह से उनका बचाव हो, ये सीख रहे वनरक्षक-वनपाल
हेमंत आमेटा/ भटेवर. पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, नवानियां में वन्यजीव बचाव तकनीक एवं देखभाल विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंंभ बुधवार को किया गया। वन्यजीव प्रबंधन एवं स्वास्थ्य अध्ययन केन्द्र, बीकानेर के तहत उद्घाटन समारोह में अधिष्ठाता प्रो. डॉ. आर. के. धूडिय़ा ने बताया कि वन्यजीव बहुत संवेदनशील जीव जन्तु है। वन्यजीवों का आबादी क्षेत्र मे आने पर उनके बचाव, पकडऩे स्थानान्तरण व इलाज के समय विशेष सावधानी की जरूरत है। वन रक्षक व वनपालकोंं की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण के प्रथम दिन अमेटी विश्वविद्यालय (नोएडा) के डॉ. पुनीत पांडे ने वन्यजीव अधिनियम व फॉरेंसिक विषय पर तथा डॉ. सतीश शर्मा ने वन्यजीव बचाव में रखने वाली सावधानियां विषय पर व्याख्यान दिये। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. हेमन्तजोशी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों जैसे वन्यजीवों को पकडऩे में प्रयुक्त तकनीक एवं उपकरण, परिवहन, सामान्य बीमारियों पर व्याख्यान, जानकारी एवं प्रायोगिकज्ञान से वन विभाग, राजस्थान सरकार में कार्यरत कार्मिकों को अवगत कराया जायेगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बांसवाड़ा, डूंगरपूर, राजसमन्द व उदयपुर के कुल 22 वन रक्षक व वनपाल भाग ले रहे हैं।
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