रेलवे चाइल्ड लाइन समन्वयक मोहनलाल लोहार ने बताया कि 13-14 साल के दो बालक कोटा से खुजराहो एक्सप्रेस ट्रेन से उदयपुर उतरे थे, वहीं एक मंदसौर से आई ट्रेन में उदयपुर पहुंचा। एक 6 साल का बालक भी स्टेशन पर मिला, जिसका पता नहीं लगा है। जो दो बालक कोटा से आए, उनके परिजन उनको खेलने से मना करते थे, जिससे वे घर छोड़कर निकल गए। एक 6 वर्षीय बालक अपना नाम-पता नाटक सोरा मंदसौर निवासी कालू पुत्र कालूराम बता रहा है। उसने बताया कि परिवार भीख मांगकर गुजारा करता है। मां ने उसे भीख मांगने के लिए ट्रेन में भेजा और ट्रेन चल पड़ी तो वह उदयपुर पहुंच गया। चौथे बालक के निवास का पता नहीं चल पाया है। वह खुद को उदयपुर निवासी ही होना बता रहा है, लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं दे पा रहा है। चारों बालकों की कागजी कार्रवाई आरपीएफ में करवाने के बाद उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया, जहां से आसरा और जीवन ज्योति संस्थानों में आश्रय दिलाया। कार्रवाई के दौरान रणवीर सालवी, अभिषेक, शिखा, मुकेश और मोहन लाल मौजूद थे।
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