भर्ती हुआ, नहीं आया डोनर
अहमदाबाद के सिविल चिकित्सालय में भर्ती होने के दौरान राजू मिलने आता रहा। हर बार उन्हें मुंबई, पूना, नासिक व सूरत से डोनर के आने का झांसा देता रहा। पन्द्रह दिन पूर्व हालत खराब होने पर जब परेशान परिजन आरोपी राजू के घर पहुंचे तो हाथ खड़े दिए। मांगने पर भी पैसे नहीं लौटाने से मुकर गया। बीमार इसका पता चलने पर सदमे से चल बसा। आरोपी राजू के परिजनों ने कहा कि पूर्व में ऐसे कई रोगियों से पैसा लेकर ठगी कर चुका है। पैसा सट्टा खेलने में गंवा चुका है।
अहमदाबाद के सिविल चिकित्सालय में भर्ती होने के दौरान राजू मिलने आता रहा। हर बार उन्हें मुंबई, पूना, नासिक व सूरत से डोनर के आने का झांसा देता रहा। पन्द्रह दिन पूर्व हालत खराब होने पर जब परेशान परिजन आरोपी राजू के घर पहुंचे तो हाथ खड़े दिए। मांगने पर भी पैसे नहीं लौटाने से मुकर गया। बीमार इसका पता चलने पर सदमे से चल बसा। आरोपी राजू के परिजनों ने कहा कि पूर्व में ऐसे कई रोगियों से पैसा लेकर ठगी कर चुका है। पैसा सट्टा खेलने में गंवा चुका है।
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उदयपुर आकर ले गया था आरोपी रुपए
किडनी रोगी भगवतीलाल फरवरी 2017 से डायलिसिस पर था। मई में अहमदाबाद के चिकित्सकों ने उसे किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी। हाथोंहाथ पत्नी ने हामी भरी, लेकिन पथरी होने से उसकी किडनी अनुपयोगी साबित हुई। ऐसे में निजी फैक्ट्री में उसके साथ काम करने वाले देवीलाल ने अहमदाबाद में राजू लखारा के बारे में बताया। देवीलाल का कहना था कि उसके कैंसर पीडि़त पिता के इलाज के दौरान भी राजू ने काफी मदद की थी। वह किडनी डोनर उपलब्ध करवाता है। परिजनों ने राजू से सम्पर्क किया तो उसे तीन से चार माह में डोनर उपलब्ध करवाने एवं बड़े चिकित्सक से जान-पहचान होने से फाइल आगे बढ़ाने का झांसा देते हुए 4.50 लाख रुपए में बात तय की। बाद में आरोपी अलग-अलग समय में उदयपुर आकर राशि ले गया।
उदयपुर आकर ले गया था आरोपी रुपए
किडनी रोगी भगवतीलाल फरवरी 2017 से डायलिसिस पर था। मई में अहमदाबाद के चिकित्सकों ने उसे किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी। हाथोंहाथ पत्नी ने हामी भरी, लेकिन पथरी होने से उसकी किडनी अनुपयोगी साबित हुई। ऐसे में निजी फैक्ट्री में उसके साथ काम करने वाले देवीलाल ने अहमदाबाद में राजू लखारा के बारे में बताया। देवीलाल का कहना था कि उसके कैंसर पीडि़त पिता के इलाज के दौरान भी राजू ने काफी मदद की थी। वह किडनी डोनर उपलब्ध करवाता है। परिजनों ने राजू से सम्पर्क किया तो उसे तीन से चार माह में डोनर उपलब्ध करवाने एवं बड़े चिकित्सक से जान-पहचान होने से फाइल आगे बढ़ाने का झांसा देते हुए 4.50 लाख रुपए में बात तय की। बाद में आरोपी अलग-अलग समय में उदयपुर आकर राशि ले गया।
परेशानी में अब छूट गई बेटे की पढ़ाई
भगवतीलाल की हालत खराब होने के बाद पत्नी के साथ ही बेटा प्रशांत पालीवाल व बेटी गरिमा भी पिता की सेवा में रहे। डोनर ढूंढने व पिता के इलाज के लिए उदयपुर से अहमदाबाद के बीच दौड़ में प्रशांत को अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोडऩे पढ़ी। लेकसिटी किडनी केयर एंड रिलिफ फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी इस परिवार को ट्रांसप्लांट के लिए रजामंद किया था लेकिन आरोपी ने ठगी कर सब कुछ छीन लिया।
भगवतीलाल की हालत खराब होने के बाद पत्नी के साथ ही बेटा प्रशांत पालीवाल व बेटी गरिमा भी पिता की सेवा में रहे। डोनर ढूंढने व पिता के इलाज के लिए उदयपुर से अहमदाबाद के बीच दौड़ में प्रशांत को अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोडऩे पढ़ी। लेकसिटी किडनी केयर एंड रिलिफ फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी इस परिवार को ट्रांसप्लांट के लिए रजामंद किया था लेकिन आरोपी ने ठगी कर सब कुछ छीन लिया।