READ MORE : video: इन बेटाेें को दीजिए शाबाशी.. लुटेरों से किया बहादुरी से मुकाबला, लहूलुहान हुए फिर भी डटे रहे, आखिर दो लुटेरेे पकड़े गए ओपीडी से ही मरीज के पीछे लगे एक लपके ने हमदर्दी दिखाते हुए उसे ब्लड बैंक से व्यवस्था करवाने का झांसा दिया। ब्लड बैंक तक परिजनों को लेकर गए लपके ने उन्हें बाहर खड़े रहने को कहा। इसके बाद वार्ड में ले जाकर रसीद कटाने का झांसा देकर 1500 रुपए एेंठे और मौके से भाग निकला। दूर खड़ा परिवार लपके के लौटने की राह तकता ही रह गया। ठगी का आभास होने पर मोलेला, राजसमंद निवासी कैंसर रोगी छगनसिंह, उसकी पत्नी और बेटा विक्रमसिंह पूरे चिकित्सालय परिसर में इस युवक को ढूंढते रहे, लेकिन उनके प्रयास निरर्थक साबित हुए। पीडि़त परिवार अपने नसीब को कोसता हुआ घर को लौट गया।
सीसीटीवी भी खराब :मामला सामने आने के बाद जब पत्रिका संवाददाता ने इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि ब्लड बैंक में लगाए गए सभी सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं। भीतर बैठे स्टाफ ने भी एेसे किसी चेहरे से अनभिज्ञता जताते हुए पल्ला झाड़ लिया। पता चला कि कैमरों की खराबी को लेकर चिकित्सालय प्रशासन को पहले ही सावचेत कर दिया गया था, लेकिन नए सीसीटीवी सिस्टम की तकनीकी खामी और पुराने सेटअप की समयावधि गुजरने से कैमरे सही नहीं हो सके।
रिपोर्ट भी साथ ले उड़ा
पीडि़त परिवार को रुपए से ज्यादा उपचार संबंधी फाइल चले जाने की चिंता है। चिकित्सक के कहने पर उन्होंने निजी लैब से कुछ जांचें करवाई थी। फाइल में मौजूद दस्तावेज महत्वपूर्ण थे। रोगी की मानें तो कैंसर की आवश्यक थैरेपी के लिए उसने ३५ बार निजी चिकित्सालय का सहारा लिया। अब दवाइयों की महंगाई के कारण उसने सरकारी हॉस्पिटल में उपचार करवाना मुनासिब समझा था, लेकिन यहां लोगों की ठगी से वह घबरा गया। कैंसर रोगी का बेटा मुंबई में नौकरी करता है। वह एवं उसकी मां आंखों में आंसू लेकर लपके को ढूंढने में परेशान हुए।
होमगार्ड ही मिले
सीसीटीवी की खराबी के बारे में अधीक्षक कार्यालय को लिखा जा चुका है। सुबह शिफ्ट में एक होमगार्ड रहता है। इसके बाद इस गली में दिनभर सन्नाटा पसरा रहता है। तीनों शिफ्टों में ढंग के होमगार्ड भी मिल जाए तो एेसी घटनाएं नहीं हो।
डॉ. संजय प्रकाश, ब्लड बैंक प्रभारी, एमबी हॉस्पिटल