जमीन गिरवी रख भरी थी फीस खेरवाड़ा की एक छात्रा के परिजनों ने जमीन गिरवी रखकर 14 हजार रुपए का जुगाड़ किया और कोटा ओपन से फार्म भरने के लिए फीस दी लेकिन उसका फार्म ही नहीं भरा गया। ऐसे में अब वह परीक्षा नहीं दे पाएगी। संचालक ने उसे फीस भी नहीं लौटाई। यह छात्रा रोते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के पास भी पहुंची। ऐसा ही सेक्टर 14 निवासी सुरेश सुखवाल और आशा सुखवाल के साथ हुआ। संचालक ने उनसे एमए समाजशास्त्र की फीस लेकर बाद में फार्म भरने की बात कही लेकिन फार्म नहीं भरा। पता चलने पर धमकाया तो संचालक राजवीर ने पैसे लौटा दिए लेकिन इन दोनों की एमए करने का सपना अधूरा रह गया। इसी तरह देबारी निवासी यशोदा कुंवर से संचालक ने एमलिब की साढ़े आठ हजार रुपए फीस ली थी। परीक्षा का समय करीब आने पर जब किताबें नही पहुंची तो पता चला कि उसका फार्म ही नहीं भरा गया।
नहीं दर्ज करवाई एफआईआर
भविष्य से खिलवाड़
ई-मित्र संचालक ने सैकड़ों छात्रों के भविष्य के साथ खेल गया। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा पाने के इच्छुक गरीब परिवारों के बेरोजगारों के सपने चकनाचूर हो गए। उसने कई गरीब छात्रों से आखिरी सेमेस्टर की फीस ले ली लेकिन फार्म नहीं भरा जिससे वे परीक्षा नहीं दे पाए। ऐसे में वे कई भर्तियों से वंचित रह जाएंगे।इस संबंध में पूरी रिपोर्ट हमारे उच्चाधिकारियों को प्रेषित की है। संबंधित छात्र-छात्राओं से आग्रह है कि वे इस संबंध में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाएं। विवि प्रशासन उनकी पूरी मदद करेगा।
रश्मि बोहरा, निदेशक, वर्धमान खुला विवि, उदयपुर