जुलाई के पहले सप्ताह तक नोडल केंद्रों पर ही पहुंची पुस्तकें दरअसल, नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण जून अंत तक ही हो जाना था लेकिन प्रथम चरण की पाठ्यपुस्तकें जुलाई के पहले सप्ताह तक ब्लॉक नोडल को बांटी गई। वहीं, अब तक ब्लॉक नोडल से पंचायत नोडल तक पाठ्यपुस्तकें नहीं पहुंची हैं। जबकि दो वर्ष पूर्व नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें मण्डल द्वारा सीधी ही पीईईओ केंद्रों पर पहुंचाई जाती थी। वहीं, पिछले साल से ये व्यवस्था बदल दी गई। अब इसके तहत अब ये पुस्तकें पाठ्यपुस्तक मण्डल द्वारा ब्लॉक नोडल पर पहुंचाई जाती है। ब्लॉक नोडल से ये पुस्तकें प्रत्येक पीईईओ तक शिक्षा विभाग द्वारा टेण्डर कर के पहुंचाई जाती हैं। यहां से ये पुस्तकें विभिन्न विद्यालयों में जाएंगी और फिर विद्यार्थियों तक पहुंचेगी।
राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेर सिंह चौहान का कहना है नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बालकों के हाथ में अगर समय पर पहुंचेगी तभी उसकी उपयोगिता होगी। राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मण्डल द्वारा इन पुस्तकों को विद्यालयों में पहुंचाने की जो पिछले वर्ष से नई व्यवस्था की है, उससे समय भी अधिक लग रहा है और सरकार का खर्च भी लगभग दोगुना हो गया है।
पहले दौर में आज दिनांक तक बांटी ब्लॉक नोडल को कक्षा 1 से 8 – 9,25,392
कक्षा 9 से 12 – 7,35, 267
कक्षा पहली से आठवीं – 80 विषय
कक्षा नौ से बारहवीं– 130 विषय
नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें कक्षा 1 से 3 तक – 100 प्रतिशत नई पाठ्यपुस्तकें– कक्षा 4 से 12वीं तक 50 प्रतिशत बालकों को नई पाठ्यपुस्तकें, शेष को पुरानी
नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण के चरण-
पहला चरण – 21 जून से 30 जून तक दूसरा चरण – 27 जुलाई से 5 अगस्त तक
पहले का अनुमानित खर्च – पाठ्यपुस्तक मंडलों से जब सीधी पीईईओ तक पहुंचती थी पाठ्यपुस्तकें – लगभग साढ़े सात लाख रुपए अब का अनुमानित खर्च – पाठ्यपुस्तक मंडल का नोडल ब्लॉक तक पहुंचाने के लिए खर्च – लगभग साढ़े आठ लाख रुपए
– शिक्षा विभाग की ओर से टेण्डर कर पीईईओ तक पहुंचाने का खर्च– लगभग साढ़े आठ लाख रुपए
सरकार पर भार पूर्व में – लगभग 24 करोड़ रुपए अब भार – लगभग 48 करोड़ रुपए
इनका कहना है…
नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें अभी ब्लॉक नोडल तक मांग के अनुसार पहुंचा दी गई हैं। यहां से पंचायत स्तर पर जल्द ही पहुंचाई जाएंगी। कुछ दिनों में विद्यार्थियों तक भी पहुंच जाएगी।