जब पे्रग्नेंट थी तब दोस्त ने परिवार से भी बढकऱ रखा ख्याल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्राचार्य शीला शर्मा की मित्रता तनुजा भट्ट से 40 सालों से हैं। शीला बताती हैं कि तनुजा और वे जयपुर में स्कूल में साथ थे। इसके बाद वे उदयपुर आ गई और उनकी शादी जयपुर हो गई, जबकि तनुजा की शादी उदयपुर हो गई। वे दो साल जयपुर रही और फिर उनके पति का ट्रांसफर भी उदयपुर ही हो गया तो यहां भी दोनों सहेलियां फिर से साथ हो गईं। दोनों की सरकारी नौकरी लग गई। करीब 27 साल से दोनों एक ही विद्यालय में हैं। शीला कहती हैं कि जब मैं प्रेग्नेंट थी तब परिवार ने जितना साथ नहीं दिया, उतना ध्यान तनुजा ने रखा जैसे मां अपने बच्चे का ध्यान रखती है। वो दिन मैं आज भी भूल नहीं सकती।
एमबी अस्पताल में कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुशील यादव और उनकी पत्नी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. शालिनी की मुलाकात एमबीबीएस करने के दौरान हुई थी। वे बैचमैट थे। दोस्त से वे बाद में जीवन साथी बन गए। डॉ. सुशील बताते हैं कि वे मूलत: उत्तरप्रदेश से हैं। बीएचयू में साथ थे। जो अच्छे दोस्त होते हैं। वे अच्छे जीवन साथी भी साबित होते हैं। डॉ. शालिनी एमबीबीएस और एमएस गायनेकोलॉजी में टॉपर थीं और सुपर स्पेशिलिटी में कॉर्डियोलॉजी में मेरे चयन का श्रेय पूरी तरह से उनको ही जाता है। एक सही दोस्त आपकी काबिलियत समझकर हमेशा आपको आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।