scriptGangaur 2018 : उदयपुर में उत्साह व शाही लवाजमे संग निकाली गणगौर की सवारी, पर्यटक भी देखने उमड़े | Gangaur Festival, Gangaur 2018, Gangaur in Udaipur | Patrika News

Gangaur 2018 : उदयपुर में उत्साह व शाही लवाजमे संग निकाली गणगौर की सवारी, पर्यटक भी देखने उमड़े

locationउदयपुरPublished: Mar 21, 2018 03:45:42 pm

Submitted by:

madhulika singh

गणगौरों की सवारी जब शहर की सडक़ों से गुजरी तो उनका शृंगार देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया।

gangaur festival at udaipur
धीरेंद्र जोशी/ उदयपुर . सिर से लेकर पांव तक जो भी शृंगार किए जा सकते हैं, वे सभी गणगौरों को धराए गए। शाही लवाजमे की अगवानी में आकर्षक वेश में सजी-धजी गणगौरों की सवारी जब शहर की सडक़ों से गुजरी तो उनका शृंगार देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। श्रद्धालुओं ने गणगौर को शीश झुका कर श्रद्धा का इजहार किया। छोटी से लेकर बड़ी तक सभी गणगौर को काफी खूबसूरत सजाया गया।
यह नजारा मंगलवार को गणगौर उत्सव में दिखाई दिया। गणगौर की सवारियों के निकलने का दौर शाम 4 बजे से ही शुरू हो गया। एक के बाद एक विभिन्न समाजों की गणगौर की सवारी निकली। ढोल-नगाड़ों की धुन पर महिलाओं ने जगदीश चौक पर घूमर नृत्य किया, जहां से एक-एक कर गणगौरें पिछोला स्थित गणगौर घाट पर पहुंचती रही। घाट पर एक कतार में रखी ईसर-गणगौर की प्रतिमाओं को देखने लम्बे समय के बाद खासी भीड़ उमड़ी। पूजा-अर्चना कर गणगौर को जल कौसुम्बे अर्पित किए गए। बाद में घूमर नृत्य के बाद विभिन्न समाजों की गणगौर की सवारी पुन: अपने गंतव्य की ओर रवाना हुई। कुछ गणगौरों की अगवानी शाही अंदाज से हुई। आगे छतरी लिए सेवक के साथ ही छड़ी, निशान और चंवर ढुलाते श्रद्धालु चल रहे थे।
ये आयोजन हुए: उन्होंने बताया कि गणगौर महोत्सव के तहत जगदीश चौक पर मेनार और बाड़मेर की गेर, सिरोही का गरासिया नृत्य, बारां का सहरिया स्वांग, जयपुर की कच्ची घोड़ी नृत्य हुआ। इसी प्रकार गणगौर घाट पर तेरह ताली, घूमर, चरी, भवई, मांड गायन आदि के आयोजन हुए। इन सभी के कलाकार अलग-अलग जगहों से आए।
यहां भी मनी गणगौर: सखी क्लब मितवा सोसायटी की कविता मोदी ने बताया कि गणगौर के उपलक्ष्य में प्रतियोगिताएं रखी गई। इसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को पुरस्कृत किया गया। एंजल गु्रप की डॉ. ऋतु वैष्णव ने बताया कि महिला सदस्याओं ने सज-धजकर सामूहिक रूप से गणगौर की पूजा की। पूर्बिया कलाल समाज की तरुणा पूर्बिया ने बताया कि समाज के नोहरे से सजी-धजी गणगौर को सिर पर धारण किए। समाज की महिलाएं पारम्परिक वेशभूषा में गीत गाते हुए गणगौर घाट पहुंची और गणगौर ईसर को फूलों से
पानी पिलाया।
राजमाली समाज प्रथम
पर्यटन विभाग की प्रतियोगिता में राजमाली भोई समाज की गणगौर प्रथम, कहार भोई समाज की द्वितीय और मारू कुमावत समाज की गणगौर तृतीय स्थान पर रही। इन समाजों को बुधवार को होने वाले आयोजन में पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। विभाग की उपनिदेशक सुमिता सरोच ने बताया कि प्रथम को 15 हजार, द्वितीय को 10 हजार और तृतीय गणगौर को 7,500 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। प्रतियोगिता में करीब 15 गणगौरों ने हिस्सा लिया।
READ MORE : मेवाड़ महोत्सव : संस्कृतियों का संगम बनेगा गोगुन्दा का गणगौर मेला, 73 सालों से मेले की रौनक बरकरार


पर्यटन विभाग के मंच से परेशानी
गणगौर घाट पर पर्यटन विभाग की ओर से लगाए गए स्टेज से लोगों को परेशानी हुई। स्टेज घाट तक लगा दिया गया। शाम को एक ही समय में कई समाजों की गणगौर पहुंची तो उन्हें घाट पर स्थान नहीं मिला। लोगों ने आपत्ति की तो तख्ते हटा कर जगह की गई और गणगौरों पूजा की गई।
11 महिलाओं ने किया सामूहिक उद्यापन
फूटा दरवाजा आदिगौड़ पंचायत के अध्यक्ष राजेंद्र गौड़ ने बताया कि समाज की 11 महिलाओं ने श्रद्धाभाव से सामूहिक उद्यापन किया। इस अवसर पर समाज के सभी वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया।
सेल्फी का दौर
गणगौर घाट पर काफी भीड़ रही। गणगौरों के साथ घाट पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। गणगौरों की पूजा और जल कौसुम्बे को देखा। कई युवतियों, युवकों और जोड़ों ने गणगौर के साथ सेल्फी ली। गणगौर घाट पर इस बार शौकिया फोटोग्राफर्स की भीड़ थी। उनमें होड़ से कई लोगों को परेशानी हुई।
यह भी रहा खास
गणगौर मेले में कई कलाकार विविध रूप धरकर आए। इनमें शिव- पार्वती, शिवजी के गण, सैनिक, पुलिस और अन्य रूप धरे बच्चे आदि लोगों को आकर्षित कर रहे थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो