उदयपुर

गैैंंगस्‍टर आनंदपाल का भाई जेल से चला रहा था गैंग, पुलिस खंगाल रही कॉल डिटेल, हो सकता है बड़ा खुलासा

gangster anandpal आनंदपाल के भाई के पास जेल में मिला एंड्रॉयड मोबाइल, जेल Udaipur Jail की तलाशी, 14 मोबाइल बरामद

उदयपुरAug 05, 2019 / 01:40 pm

madhulika singh

उदयपुर. पुलिस ने रविवार को उदयपुर केन्द्रीय कारागृह central jail udaipur में छापा मारकर अलग-अलग बैरक में कैदियों से 14 मोबाइल बरामद किए। इनमें हाई सिक्यूरिटी वार्ड में बंद कुख्यात अपराधी रहे आनंदपाल gangster anandpal के भाई रुपेन्द्रपाल उर्फ विक्की anandpal brother के पास एंड्रॉयड मोबाइल मिला है। विक्की व अन्य कैदी इन मोबाइल से किन-किन लोगों से बातचीत कर रहे थे, पुलिस उनकी तफ्तीश में जुटी है।
एसपी कैलाशचन्द्र विश्नोई ने बताया कि जेल में बंद कैदियों द्वारा बाहरी लोगों को धमकाने व कॉल करने की शिकायत पर एएसपी गोपालस्वरूप मेवाड़ा के निर्देश में 250 पुलिसकर्मियों की टीम ने दोपहर को जेल में आकस्मिक छापा मारा। अलग-अलग बैरक में उन्हें 14 मोबाइल मिले। इनमें सर्वाधिक छह मोबाइल मैस में आटा व शक्कर के कट्टों में रखे थे। अन्य मोबाइल बैग, बिस्तर के अलावा कैदियों ने दीवारों व फर्श पर गड्डे खोद इन्हें छिपा रखे थे। पुलिस ने चार्जर, ईयर फोन भी बरामद किए। हाइसिक्यूरिटी वार्ड में विक्की की तलाशी में एंड्रॉयड मोबाइल मिला है। इस मोबाइल से वह लगातार बाहरी लोगों से बातचीत के अलावा मैसेज कर रहा था। पुलिस अब कैदियों की मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर उनकी जांच पड़ताल करेगी।
 

जेल से संचालित हो रही थी कोई गैंग?

अजमेर जेल Ajmer Jail से स्थानांतरित होकर आए हार्डकोर अपराधी रूपेन्द्रपाल सिंह उर्फ विक्की हाई सिक्यूरिटी वार्ड में रहते हुए एंड्रायड मोबाइल से संभवत: गैंग संचालित कर रहा था। पुलिस की टीम ने वार्ड में बंद समस्त हार्डकोर अपराधियों की तलाशी ली तो उन्हें विक्की के पास मोबाइल मिल गया। पुलिस इस मोबाइल की कॉल डिटेल व उससे सोशल मीडिया पर भेजे गए संदेशों की सूची निकलवाई जा रही है। पुलिस ने जिन कैदियों के पास व्यक्तिगत सामान एवं मोबाइल मिले हैं, उन्हें नामजद किया है। सभी के विरुद्ध पुलिस मामला दर्ज करेगी। कॉल डिटेल में कोई नई बात आएगी तो नया मामला दर्ज किया जाएगा।

क्राइम मीटिंग के बहाने बुलाया पुलिस लाइन में
एएसपी गोपालस्वरूप मेवाड़ा ने बताया कि एसपी व कलक्टर के आदेश पर रविवार को जेल में आकस्मिक कार्रवाई का दिन तय किया था। इसकी सूचना किसी भी पुलिस अधिकारी को नहीं दी गई। सुबह सभी को क्राइम मीटिंग के बहाने पुलिस लाइन में बुलाया गया। एक सीआई के नेतृत्व में कुछ सिपाही को जेल के बाहर दीवार के पास खड़ा किया गया ताकि कोई कैदी अंदर से मोबाइल सामान बाहर फेंके तो बरामद हो पाए। उसके बाद चार उपाधीक्षक, 14 सीआई व 250 का जाप्ते ने एक साथ पूरी योजनाबद्ध तरीके से जेल की 12 बैरक, हाईसिक्यूरिटी वार्ड तथा मैस में जांच की। अचानक कार्रवाई से इस बार कैदियों को मोबाइल छिपाने का मौका नहीं मिल पाया।

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