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बुद्धि के ‘बलवान’ फिर बनकर आना ‘मेहमान’

locationउदयपुरPublished: Sep 13, 2019 12:43:25 pm

Submitted by:

Pramod

बुद्धि के ‘बलवान’ फिर बनकर आना ‘मेहमान’
– गणेश प्रतिमाओं का हुआ सांकेतिक विसर्जन- गणपत बप्पा मोरिया…अगले बरस तू जल्दी आ…से गूंजा शहर

बुद्धि के ‘बलवान’ फिर बनकर आना ‘मेहमान’

बुद्धि के ‘बलवान’ फिर बनकर आना ‘मेहमान’

प्र्र्रमाेद साेनी/ उदयपुर. (anant chaturdashi)चतुर्थी पर घर, दुकान, गली-मोहल्लों में स्थापित किए गए बुद्धि के देवता भगवान गणेश को चतुर्दशी पर भक्त प्रेमियों ने भावुक आंखों से विदाई दी। हालंाकि, परंपरागत तरीकों में संशोधन कर इस बार शहर में भगवान की प्रतिमाओं सांकेतिक विसर्जन हुआ। भक्तों ने नाचते गाते प्रथम पूज्य के जयकारों के बीच प्रतिमाओं का विसर्जन किया। सुबह से शहर के प्रमुख मार्गों व गलियों में ढोल नगाड़ो की धुन पर अबीर- गुलाल के साथ भगवान गणेश के भजन और जयकारे गूंजते रहे। प्रतिमाओ के विसर्जन का यह दौर रात तक जारी रहा। गणेश मंडलो ओर घरों पर स्थापित प्रतिमाओं को श्रद्धालु झूमते नाचते हुए झीलों के किनारे लाए। जहां पूजा अर्चना कर नगर निगम की ओर से बनाए गए विशेष कुंड में प्रतीकात्मक विसर्जन हुआ। फ तहसागर, गणगौर घाट, दूध तलाई, गोवर्धन सागर आदि जलाशयों विशेष रूप से बड़ी संख्या में प्रतिमाएं और श्रद्धालु उमड़े।
इससे पहले(ganpati visarjan )विसर्जन को जाते हुए भक्तों की टोलियां गणपति बप्पा मोरिया एक दो तीन चार गणपति की जय जयकार…जैसे जयकारे लगाते रही। गणपति पांडालों में यज्ञ-हवन की आहुतियां दी गई। प्रसादी के आयोजन हुए। गाजे-बाजे के साथ भगवान को शोभायात्रा में शामिल किया। प्रतिमाओं को गणगौर घाट पर लाने की परपंरा भी पूरी की गई। घाट पर झील के पानी से छीटें देकर प्रतिमा को किनारें रखा गया, जहां से नगर निगम की ओर से लगे वाहनों में रखा गया।
कही मन की बात

(ganpati visarjan )गणपति विसर्जन के दौरान कुंड के समीप गणेशजी की पूजा अर्चना की गई। पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालुओ ने गणेश प्रतिमाओं के कान में अपनी मनोकामना की फूंक मारी और विसर्जन किया।
यूं पहुंची प्रतिमाएं
कोई भगवान गणेश को कार में लाया तो कोई मोटरसाइकल, स्कूटर तो कोई ठेले में तो कोई सिर पर रखकर प्रथम पूज्य को विसर्जित करने के लिए उत्सुक दिखाई दिया।

साथ ले गए प्रतिमाएं
कई श्रद्धालु इको फ्रेंडली प्रतिमाओं को धूमधाम से लेकर पहुंचे। इनमें लकड़ी, अष्टधातु, पत्थर सहित अन्य सामग्रियों से बनी प्रतिमाएं शामिल थी। कुंड पर विधि विधान से पूजा अर्चना कर प्रतिमाओं का प्रतीकात्मक विसर्जन स्वरूप पानी के छींटे दिए गए और बाद में पुन: साथ ले गए।
वही कोलपोल बड़ा बाजार निवासी हरीश भारती गोस्वामी घर पर ही पानी से भरे टब मे विसर्जन की रस्म पूरी की। विसर्जन के बाद उस गणपति की मिट्टी को गमले मे डालकर तुलसी का पौधा लगाया।
यहां हुआ विसर्जन

नगर निगम की ओर से लगाए गए दूध तलाई पर दो गोवर्धन सागर पर एक एवं अम्बापोल बाहर एक कुंड के अलावा गणगौर घाट एवं फ तहसागर के किनारे प्रतिमाओं का छींटे देकर विसर्जन किया गया। इन स्थलों से नगर निगम के वाहनों ने प्रतिमाओं को अन्यंत्र लर जाया गया।
11 जगह हुआ प्रतीकात्मक (ganpati visarjan )विसर्जन
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी नरेन्द्र श्रीमाली ने बताया कि प्रशासन एवं निगम की ओर से शहर में महासतिया, दूधतलाई पर दो, उदयसागर, अम्बापोल, गोर्धनसागर पर कुंड बनाए हुए हैं। इसके साथ ही फ तहसागर पीपी सिंघल से बडी रोड कॉर्नर तक, स्वरूप सागर, गणगौर घाट, रानी रोड पीपी सिंघल से महाकाल से बड़ी रोड कॉर्नर तक, नैला तालाब, अम्बापोल, फायर स्टेशन व उदयसागर के समीप निर्धारित स्थलों पर प्रतिमाओं का प्रतीकात्मक विसर्जन हुआ। बाद में 40 वाहनों से गंतव्य पर ले जाया गया।

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