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उदयपुर में अगले बरस आने के वादे के साथ दी बप्पा को विदाई, झीलों में सिर्फ सांकेतिक विसर्जन

locationउदयपुरPublished: Sep 05, 2017 02:34:00 pm

Submitted by:

Dhirendra Joshi

– नाचते-गाते, गुलाल उड़ाते विसर्जन के लिए पहुंचे भक्त

anant chaturdashi
उदयपुर. अनंत चतुर्दशी पर्व पर मंगलवार को अगले बरस आने के वादे के साथ धूमधाम से बप्पा को विदाई दी गई। गली-मोहल्लों के साथ ही घर-घर में स्थापित गणपति प्रतिमाओं को लेकर झील किनारे पहुंचे और वहां सांकेतिक विसर्जन किया गया। वहीं, प्रशासन ने कई जगह विसर्जन के लिए कुंड तैयार किए थे जहां पर प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। अम्बापोल बाहर, दूधतलाई व गोवद्र्धनसागर पर नगर निगम की ओर से विसर्जन कुंड में प्रतिमाओं को विसर्जित की गई। सुरक्षा की दृष्टि से सभी जगह पुलिस बल तैनात रहाा। पुलिस-प्रशासन ने पूर्व में ही अपील की थी कि वे झीलों में प्रतिमाएं विसर्जित नहीं करें। इस दौरान फूल-मालाएं भी किनारे पर ही छोड़ें।
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शहर में विभिन्न समाज-संगठनों द्वारा पांडालों में व घरों में स्थापित गणेश प्रतिमाओं को भक्त अबीर-गुलाल उड़ाते, गाजे-बाजे व धूमधाम से शहर की विभिन्न झीलों के किनारे और प्रशासन द्वारा तैयार किए गए कुंडों में विसर्जन के लिए लेकर निकले। पूजा-अर्चना के बाद झीलों के किनारे लोगों ने गणपति प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना कर उन्हें पानी के छींटे दिए और पानी में डाल फिर से निकाल कर रख दिया। इस बार कई लोगों ने ईकोफ्रेंडली गणपति बैठाए। कोल पोल बड़ा बाजार निवासी हरीश गोस्वामी ने ईको फ्रेंडली तरीके से अपने घर पर विराजित गणपति का 12 दिन बाद अपने ही घर पर बड़े से पात्र में परिवार के साथ गणपति का विधि विधान से विसर्जन किया। बाद में उसी मूर्ति की मिट्टी को गमले में लेकर उसमें तुलसा जी का पौधा लगाएंगे।
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इधर, कई समाजों में अनंत चतुर्दशी पर उत्थापन किया गया। इससे पूर्व सोमवार देर रात तक गणपति आयोजनों की धूम जारी थी। गणपति को विभिन्न तरह के शृंगार प्रतिदिन धराए जा रहे थे। अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन के साथ ही दस दिवसीय महोत्सव की धूम भी थम गई।
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