महोत्सव का आगाज दोपहर में गोवर्धन पूजा से हुआ। पूजा के दौरान शृंगारित गायों के साथ सुंदर वेशभूषा में गुर्जर समाज के ग्वाले भी मौजूद थे। मुखियाजी ने करीब 2.30 बजे ठाकुरजी के विग्रह रूप को लेकर बाहर पधारे। पालके को बाहर विराजित कर भोग धराया गया। इसके साथ ही गोवर्धनजी की पूजा शुरू हुई। इसके तहत गोवर्धनजी को कुंकुम, अक्षत, पुष्प, चंदन, वस्त्र आदि भेंट करने के साथ ही आरती उतारी गई। इसके बाद पर्दे में भोग धराया गया।
गायों को का रिझाया गोवर्धन पूजा के बाद ग्वालों ने बछड़ों वाली गायों को रिझाया। बछड़ों को गोद में उठाए ग्वाले चल रहे थे।
इस दौरान अन्य ग्वाले बछड़ों के समीप पहुंचते तो गाये उनके पीछे दौड़ रही थी। गायों को रिझाने का दौरान शाम करीब पांच बजे तक चलता रहा। शाम को हुए अन्नकूट के दर्शन घसियार में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
लोगों ने दोपहर में गोवर्धन पूजा के दर्शन किए। इसके बाद गायों को रिझाने का आनंद लिया और शाम करीब 5.30 बजे अन्नकूट के दर्शनों का लाभ लिया। मेले का लुत्फ ठाकुरजी के अन्नकूट और गोवर्धन पूजा के दर्शन करने के लिए घसियार सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।