तहसीलदार के सामने छात्राओं ने ये लगाए वार्डन पर आरोप -भरपेट खाना नहीं मिलता है। दो रोटी व चावल खाने के बाद तीसरी रोटी मांगने पर बाई की गालियां सुनने को मिलती है।
– रविवार को स्पेशल डाइट नहीं, वार्डन अकेला छोड़ कर शनिवार को ही अपने घर चली जाती है।
-समाजकंटक हॉस्टल में पत्थर फेंकते है। वार्डन को शिकायत पर सुनवाई नहीं होती। -15 दिनों से सडी हुई दाल एवं दलिया बनाया जा रहा है। कुछ लड़कियां बीमार हो गई है। – हॉस्टल में रहने वाली हर छात्रा से थाली -कटोरी के नाम पर 50-50 रुपए वसूले जाते हैं।
-राशन में गड़बड़ी होती है।
-रात की बची हुई रोटियां अगले दिन दो बजे परोस दी जाती है। यह भी पहुंचे मौके पर.. जांच के दौरान स्थानीय सरपंच नारायणलाल, नरेश मीणा, उपसरपंच मुकेश मीणा, एडवोकेट सुन्दर मीणा भी मौके पर पहुंचे और इन जनप्रतिनिधियों ने भी वार्डन की शिकायत तहसीलदार से की। स्टोर रूम से दालों को चेक करने पर कट्टे में सड़ी हुई दाल मिली, जिसके सेम्पल लिए गए।
इनका कहना… शिकायत पर हॉस्टल का निरीक्षण किया गया। बालिकाओं के दर्द से पता चला कि वार्डन की घोर लापरवाही है । उच्च अधिकारियों को अवगत करवाते हुए कार्रवाई की जाएगी। श्रवणसिंह, तहसीलदार गिर्वा
आरोपों का क्या है आरोप लगे हैं तो ठीक से जांच होगी। सच का सच, झूठ का झूठ सामने आ जाएगा। हेमलता सोनी, वार्डन, सरू जनजाति कन्या छात्रावास
शिकायत की सूचना पर निरीक्षण किया। शिकायतें मिली उनका स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर निस्तारण किया है। हॉस्टल मैजेनमेंट को लेकर लड़कियों की कमेटिया बनाई गई है।
प्रदीप पानेरी, अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी, टीएडी विभाग