पहले ये हुआ… – पूर्व में संघ की ओर से आन्दोलन तो किया गया, कुछ दिन तक पूरी तरह से काम भी ठप कर दिया गया, लेकिन विवि प्रशासन के आग्रह पर वे फिर से काम पर लौट आए। हालांकि इससे पहले की गई हड़ताल के १५ माह बीत चुके हैं, लेकिन कार्मिकों को हक का लाभ नहीं मिला।
– माह फरवरी १९ से सभी कार्मिकों को सातवां वेतनमान के वेतन स्थिरिकरण की मांग रखी गई, लिखित आश्वासन के बावजूद इसके दो माह पूरे होने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
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३० अप्रेल को लिखा था कुलपति को पत्र
३० अप्रेल को कुलपति प्रो.जेपी शर्मा को संगठन ने पत्र लिखकर अवगत करवाया था कि यदि सात दिन के बीच वेतनमान लाभ नहीं मिलता है तो ८ मई से पेनडाउन कर विवि के समस्त कार्यो का बहिष्कार करेंगे, इसका जिम्मेदार विवि प्रशासन होगा।
३० अप्रेल को कुलपति प्रो.जेपी शर्मा को संगठन ने पत्र लिखकर अवगत करवाया था कि यदि सात दिन के बीच वेतनमान लाभ नहीं मिलता है तो ८ मई से पेनडाउन कर विवि के समस्त कार्यो का बहिष्कार करेंगे, इसका जिम्मेदार विवि प्रशासन होगा।
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हमने पहले विवि कुलपति को पेनडाउन-टुलडाउन की जानकारी दे दी थी, केवल आश्वासनों से काम नहीं होगा, हमें तो हमारा हक चाहिए। हम अपना विरोध नियमित रखेंगे। पुष्पेन्द्र पुरोहित, अध्यक्ष
शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ —–
सरकार को पूरी जानकारी भेज दी गई है, राज्य सरकार चुनाव में व्यस्त हैं। जब सरकार करेगी तब ही ये कार्य हो पाएगा। बोम ने निर्णय कर लिया है कि कार्मिकों की मांगे उचित हैं, उन्हें उनका हक मिलना चाहिए। लेकिन बगैर सरकार की स्वीकृति के यह राशि जारी करना संभव नहीं है।
हमने पहले विवि कुलपति को पेनडाउन-टुलडाउन की जानकारी दे दी थी, केवल आश्वासनों से काम नहीं होगा, हमें तो हमारा हक चाहिए। हम अपना विरोध नियमित रखेंगे। पुष्पेन्द्र पुरोहित, अध्यक्ष
शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ —–
सरकार को पूरी जानकारी भेज दी गई है, राज्य सरकार चुनाव में व्यस्त हैं। जब सरकार करेगी तब ही ये कार्य हो पाएगा। बोम ने निर्णय कर लिया है कि कार्मिकों की मांगे उचित हैं, उन्हें उनका हक मिलना चाहिए। लेकिन बगैर सरकार की स्वीकृति के यह राशि जारी करना संभव नहीं है।
प्रो.जेपी शर्मा, कुलपति एमएलएसयू