बकरा चोरी वारदात का खुलासा, दो गिरफ्तार, एक बाइक भी जप्त
उदयपुरPublished: Nov 26, 2021 12:47:15 am
ग्रामीणों ने पीछा किया तो जंगल की ओर भाग छूटे थे बदमाश
बकरा चोरी वारदात का खुलासा, दो गिरफ्तार, एक बाइक भी जप्त
गींगला (उदयपुर). कुराबड़ थाना पुलिस ने इसी माह में दूसरी बार बकरा चोरी की वारदात का खुलासा किया है। गुरुवार को पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर वारदात में काम ली गई बाइक जब्त की है।
कुराबड़ थानाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि बम्बोरा के निकट जमून निवासी गोता पुत्र कालू मीणा ने रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में बताया कि उसकी बहु डाली बाई बुधवार को बकरियों को लेकर बीडें में गई थी और वह समीप ही खेत में थी। इस पर एक बाइक पर दो व्यक्ति आए और बकरे को उठाकर ले जाने लगे तो हल्ला किया जिससे ग्रामीण दौड़ पडे और पीछा करने लगे जिससे दोनों ही जंगल की ओर भाग निकले। इस दौरान बकरें सहित उनकी एक बाइक भी छोड़ भाग निकले। पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान करते हुए गोपनीय आधार पर तलाया करते हुए दबिश देकर अनदियों का गुडा कूण थाना लसाडिया निवासी अमित सिहं पुत्र विजय सिहं शक्तावत उम्र 18 वर्ष तथासकालदा फ ला हिगोडमगरी थाना कानोड निवासी रतन पुत्र बाबरू मीणा उम्र २० वर्ष को गिरफतार कर लिए। जिनसे कडाई से पूछताछ की तो वारदात करना कबूल कर लिया। बाद में वारदात में प्रयुक्त बाइक को भी जब्त की गई। थानाधिकारी ने बताया कि अभियुक्त दिन में पहले गांवों में बकरी खरीदार बनकर रैकी करते है और फि र मौका पाकर बकरों को चुरा लेते है।
विवाहिता का शव फंदे पर लटका मिला, हत्या का आरोप
झाड़ोल. थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत खाखड़ के गोपीर में एक विवाहिता का शव मंगलवार रात घर में फंदे पर लटका मिला। सुबह परिजनों को जानकारी मिलने पर पीहर पक्ष सालुखेड़ा एवं पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा और शव को उतार कर झाडोल मोर्चरी में रखवाया। इधर महिला के पीहर पक्ष वालों ने हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। दो दिन बाद गुरुवार को दिनभर दोनों पक्षो में बातचीत हुई जो शाम तक मौतबीरों द्वारा आपसी समझौता कर बिना मौताणा विवाहिता के शव का पीएम कर परिजनों को सुपुर्द किया गया। जानकारी के अनुसार गोपीर निवासी खातु खेर की पत्नी कमलाबाई (५०) का शव मंगलवार घर में लटका मिला। दोनो पक्ष के मौतबीर व खाखड़ सरपंच धुरीलाल, मन्नालाल, नवलचन्द वडेरा, भीमराज वडेरा, रूपलाल सहित कई मौतबीरों के मध्य समझौता हुआ।