कुर्सी पर लोक देवता रामदेव बाबा की तस्वीर रखी गई। इसी दौरान सरपंच ने सार्वजनिक रूप से घोषणा कर दी कि वे पूरे कार्यकाल तक कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। कुर्सी पर रामदेव बााब की छवि ही विराजित रहेगी, जबकि वे कुसी के पास ही जमीन पर बैठकर पंचायत के कार्य निबटाएंगे।
शपथ लेने का कारण बताते हुए बाबूलाल ने कहा कि वे पहले भी दो बार सरपंच पद के लिए अम्बावा व पडावली ग्राम पंचायत से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद आराध्य देव रामदेव के समक्ष शपथ ली कि सरपंच चुनाव जीतने पर वे कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, जबकि कुर्सी पर आराध्य देव की ही तस्वीर स्थापित रहेगी।
इस बार दोनों ग्राम पंचायतों से अलग गठित हुई पाडलों का चौरा से चुनाव लड़े और जीत हासिल हुई। पदग्रहण समारोह में पूर्व मंत्री डॉ. मांगीलाल गरासिया, लेम्पस अध्यक्ष हीरसिंह मादेरचा मौजूद रहे। पति से पत्नी को सौंपा सरपंच पदभार
सराड़ा। पंचायतीराज चुनाव के बाद पदभार ग्रहण करने का सिलसिला जारी है। सराड़ा क्षेत्र की खरबर ग्राम पंचायत में कुछ अलग ही वाकया सामने आया। यहां पति ने पत्नी को सरपंच की कुर्सी सौंपी। खरबर-ए ग्राम पंचायत में रेखा मीणा सरपंच बनी। पूर्व में उनके पति मुकेश कुमार मीणा सरपंच थे। सोमवार को पदभार ग्रहण के मौके पर पत्नी ने पति से सरपंच कार्यभार लिया।