इन नियमों की पालना नहीं करती कंपनी – गोल्ड लोन के मामलों में गिरवी रखे गए गोल्ड की नीलामी से पूर्व संबंधित ऋणी को लिखित नोटिस देकर ऋण राशि जमा कराने की चेतावनी देना अनिवार्य है।
– नीलामी की संपूर्ण प्रक्रिया ऋण इकरार में ही उल्लेखित की जानी चाहिए।
– नीलामी के समय व स्थान की सूचना दो दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित की जानी चाहिए।
– ऋणी को नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने का समुचित अवसर दिया जाना चाहिए।
अपनी माता, पत्नी या पुत्री के जेवर गिरवी रखकर धन की व्यवस्था करना किसी परिवार या व्यक्ति के लिए जीवन में निश्चित रूप से अत्यधिक मुश्किल समय होता है। किसी व्यक्ति की इस मजबूरी का नाजायज लाभ गोल्ड लोन देने वाले संस्थान नहीं उठा सके। इसके लिए रिजर्व बैंक ने समय-समय पर गाइड-लाइन जारी की है, परंतु यह देखा गया है कि ऋणदाता अपने निजी फायदे के लिए निर्धारित गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए जेवरात विक्रय नीलाम कर देते है। ऐसी स्थिति में पीडि़त व्यक्ति विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत न्यायालय की शरण ले सकता है।
– ऋणी को नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने का समुचित अवसर दिया जाना चाहिए।
अपनी माता, पत्नी या पुत्री के जेवर गिरवी रखकर धन की व्यवस्था करना किसी परिवार या व्यक्ति के लिए जीवन में निश्चित रूप से अत्यधिक मुश्किल समय होता है। किसी व्यक्ति की इस मजबूरी का नाजायज लाभ गोल्ड लोन देने वाले संस्थान नहीं उठा सके। इसके लिए रिजर्व बैंक ने समय-समय पर गाइड-लाइन जारी की है, परंतु यह देखा गया है कि ऋणदाता अपने निजी फायदे के लिए निर्धारित गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए जेवरात विक्रय नीलाम कर देते है। ऐसी स्थिति में पीडि़त व्यक्ति विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत न्यायालय की शरण ले सकता है।
सुशील कोठारी, वरिष्ठ अधिवक्ता वर्तमान समय में गोल्ड लोन तत्काल बिना किसी दस्तावेज एवं औपचारिकता से आसनी से उपलब्ध होने वाला ऋण है। परंतु अपनी ज्वैलरी व सोने पर लोन लेते समय ऋण संबंधी दस्तावेजों को सावधानीपूर्वक देखना चाहिए। अन्यथा अपनी ज्वैलरी से वंचित होना पड़ सकता है। क्योंकि जितना आसान गोल्ड ऋण प्राप्त करना है उतना ही आसन बैंक के लिए गोल्ड बेचना भी है। मानवीय पहलू उनके लिए कोई मायने नहीं रखते है। अधिकतर ऐसे मामले न्यायालय में आ रहे है जिनमें मानवीय पहलू को पूर्णत: नजर अंदाज किया गया।
बृजेन्द्र सेठ, वरिष्ठ अधिवक्ता