जानकारी के अनुसार छात्रवृत्ति के नकद भुगतान की व्यवस्था मौजूदा सत्र से समाप्त कर दी गई है। दूसरी ओर, बैंक में सभी विद्यार्थियों के खाते नहीं होने और आईएफएससी कोड गलत भर दिए जाने से जनजाति छात्रावासों के आधे विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। जनजाति विकास अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में छात्रवृत्ति छात्रावासों के नाम से खुले बैंक खातों में जमा कराते थे। ऐसे में विद्यार्थी को भुगतान हुआ या नहीं, विभाग इसकी सही मॉनिटरिंग नहीं कर पाता था। बैंक खाते में छात्रवृत्ति जमा होने से मॉनिटरिंग के साथ पारदर्शिता रहेगी। डिजिटल इंडिया अभियान को भी सम्बल मिलेगा।
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सरकार ने विभाग को ऑनलाइन छात्रवृत्ति भुगतान के लिए निर्देशित किया है। काफी संख्या में विद्यार्थी ऐसे हैं, जिनके खाते बैंकों में नहीं हैं। विभाग को दिए गए बैंक खाता विवरण में काफी विद्यार्थियों ने आईएफएससी कोड या तो भरे ही नहीं या गलत भर दिए हैं। खाता संबंधी इन समस्याओं के चलते अभी तक करीब आधे विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति अटकी पड़ी है। बता दें कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से जिले में करीब 72 आवसीय स्कूलों और छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 5500 विद्यार्थी हैं। अधिकारियों के अनुसार ऑनलाइन छात्रवृत्ति योजना से पभविष्य में विद्यार्थियों को काफी राहत रहेगी। निश्चित अवधि में भुगतान हो सकेगा।
सरकार ने विभाग को ऑनलाइन छात्रवृत्ति भुगतान के लिए निर्देशित किया है। काफी संख्या में विद्यार्थी ऐसे हैं, जिनके खाते बैंकों में नहीं हैं। विभाग को दिए गए बैंक खाता विवरण में काफी विद्यार्थियों ने आईएफएससी कोड या तो भरे ही नहीं या गलत भर दिए हैं। खाता संबंधी इन समस्याओं के चलते अभी तक करीब आधे विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति अटकी पड़ी है। बता दें कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से जिले में करीब 72 आवसीय स्कूलों और छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 5500 विद्यार्थी हैं। अधिकारियों के अनुसार ऑनलाइन छात्रवृत्ति योजना से पभविष्य में विद्यार्थियों को काफी राहत रहेगी। निश्चित अवधि में भुगतान हो सकेगा।
छात्रवृत्ति का भुगतान ऑनलाइन ही किया जाएगा। इससे व्यवस्था में पारिदर्शिता आएगी। सभी छात्रवासों के वार्डन को सभी विद्यार्थियों के खाते खुलवाने के निर्देश दे दिए हैं। बैंक में खाता धारक विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति उनके खातों में जमा करा दी गई है।
कृष्णपाल सिंह चौहान, प्रोजेक्ट ऑफिसर, जनजाति विकास विभाग, उदयपुर
कृष्णपाल सिंह चौहान, प्रोजेक्ट ऑफिसर, जनजाति विकास विभाग, उदयपुर