scriptबाल आयोग अध्यक्ष को मैसेज भेज रुकवाया अपना विवाह | Got your marriage stopped by sending a message to the child commission | Patrika News

बाल आयोग अध्यक्ष को मैसेज भेज रुकवाया अपना विवाह

locationउदयपुरPublished: Nov 22, 2021 01:31:15 am

Submitted by:

jagdish paraliya

कुराबड़ के भूतिया गांव की घटना: किशोरी ने दिखाई हिम्मत

बाल आयोग अध्यक्ष को मैसेज भेज रुकवाया अपना विवाह

बाल आयोग अध्यक्ष को मैसेज भेज रुकवाया अपना विवाह

पुलिस-प्रशासन ने पहुंचाया बालिका गृह, परिजनों को पुलिस व प्रशासन ने पाबंद किया
गींगला (उदयपुर). कुराबड़ थाना क्षेत्र के भूतिया गांव की निवासी एक किशोरी ने हिम्मत दिखाई और परिवार के खिलाफ जाते हुए अपना बाल विवाह रुकवा दिया। किशोरी ने बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल को वॉट्सएप मैसेज भेजकर शिकायत की थी। इस पर पुलिस-प्रशासन दौड़ पड़ा और बालिका को शादी वाले घर से निकालकर सीडब्ल्यूसी पहुंचाया। किशोरी ने घर जाने से इनकार किया तो उसे बालिका गृह पहुंचाया गया।
भूतिया गांव में रविवार शाम को किशोरी और उसके भाई की शादी होनी थी। टेंट लगे घर में मेहमान पहुंच रहे थे, वहीं खाना बन रहा था। परिजनों ने किशोरी की शादी करवाने की पूरी तैयारी कर ली थी। किशोरी बीते दिनों में भयभीत थी, लेकिन रविवार को हिम्मत जुटाई और राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से संपर्क कर ही लिया। उन्हें वॉट्सएप मैसेज भेजकर अपना बाल विवाह होने की जानकारी दी। कुराबड़ नायब तहसीलदार मोहनलाल ने बताया कि परिजन 14 वर्षीय बेटी की शादी समारोह में जुटे थे। लड़की ने आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से शिकायत कर दी। अध्यक्ष बेनीवाल ने जिला कलक्टर चेतन देवड़ा को इसकी सूचना दी। इस पर कुराबड़ थानाधिकारी अमित कुमार, नायब तहसीलदार मोहनलाल, आरआई राजेन्द्र सेन आदि मौके पर पहुंचे और कार्रवाई की।
पुलिस को देख चौंके
शादी की तैयारी पूर्ण हो चुकी थी और मेहमान भी पहुंच गए थे। खाना बनाना भी जारी था, लेकिन इस बीच पुलिस-प्रशासन के पहुंचने से सभी घबरा गए। हाथ जोडऩे लगे, लेकिन पुलिस ने पाबंद करते हुए बाल विवाह रुकवाया।
परिजनों ने किया गुमराह
अधिकारियों ने बाल विवाह के बारे में पूछा तो परिजनों ने मना कर दिया। कहा कि केवल लड़के की ही शादी है। लड़की को किसी कमरे में बंद कर दिया। बाद में लड़की के बारे में भी पूछताछ करते हुए दस्तावेज मंगवाए और जांचे तो उम्र १४ वर्ष पाई। इस पर पीडि़ता के बयान लेते हुए परिजनों के खिलाफ कार्रवाई की। किशोरी को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। जहां बालिका ने घर जाने से इनकार किया तो उसे बालिका गृह ओपन शेल्टर भेजा।
आनी थी बारात
पुलिस ने बताया कि विवाह के लिए पांच किलोमीटर दूर स्थित नाड़ गांव से बारात आने वाली थी। बारात शाम 5 बजे भूतिया पहुंचनी थी, जहां देर शाम को फेरे कराना तय था।
बालिका ७वीं कक्षा तक पढ़ी और कोरोना में पढ़ाई रुक गई। वह आगे भी पढऩा चाहती है, जबकि परिजन शादी करवाना चाह रहे थे, जो उसे पसंद नहीं था। इस पर बाल आयोग के नम्बर लेते हुए चेट कर सूचना दी। उसने अपनी शादी का कार्ड भी भेजा था।
संगीता बेनीवाल, अध्यक्ष, बाल आयोग
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो