----- पूर्व में दो सदस्य हो चुके हैं निलम्बित, यहां कुलपति प्रो. सिंह जिद पर अडे़- गौरतलब है कि सीकर के प्रस्तावित गुरुकुल विवि मामले में सत्यापन समिति के दो सदस्य राजस्थान विवि जयपुर के प्रोफेसर डॉ .जयन्तसिंह और राजकीय विधि महाविद्यालय, अलवर के असि.प्रोफेसर डॉ. विजय बेनिवाल को पूर्व में निलम्बित किया जा चुका है। आठ अप्रेल को डॉ. बेनिवाल को कर्त्तव्यों में गंभीर लापरवाही बरतने, राज्य सरकार को असत्य व भ्रामक रिपोर्ट प्रस्तुत करने, बिना पर्याप्त जांच के अनुपालना रिपोर्ट प्रमाणित करने, उत्तरदायित्वों में घोर लापरवाही व उदासीनता बरतने का दोषी बताकर उच्च शिक्षा के संयुक्त सचिव डॉ. फिरोज अख्तर ने निलम्बित कर दिया था। इसी प्रकार सत्यापन समिति के अन्य सदस्य डॉ. सिंह को इन्हीं आरोपों को लेकर सरकार के निर्देशों पर दूसरे ही दिन 9 अप्रेल को कुलसचिव केएम दूडिया ने निलम्बित कर दिया था। सुविवि के कुलपति प्रो. सिंह, जो स्वयं सत्यापन समिति के संयोजक थे, वे साइंस कॉलेज डीन प्रो. राठौड़ को बचाने की अपनी जिद पर अडे़ हैं। सरकार की ओर से प्रो. राठौड़ को मामले में पूर्व के दो सदस्यों की तरह ही दोषी माना गया है। इसे लेकर प्रो. राठौड़ को निलम्बित करने के सरकार द्वारा कुलपति प्रोे. सिंह को आदेश जारी करने के चार दिन बाद तक कार्रवाई नहीं की गई है। इस पर सरकार ने बुधवार को कुलपति प्रोे. सिंह को कड़ा नोटिस थमाया है।
उल्लेखनीय है कि सत्यापन समिति द्वारा भ्रामक व असत्य रिपोर्ट देने के बाद विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ द्वारा विरोध जताने व सही साक्ष्य प्रस्तुत कर रिपोर्ट की गड़बड़ी उजागर करने पर सरकार की किरकिरी हुई थी और विवि से जुड़ा बिल वापस लेना पड़ा था।
------ सरकार ने कुलपति प्रो. सिंह को दिया यह नोटिससरकार ने बुधवार को कुलपति प्रो. सिंह को शिक्षा ग्रुप 4 के संयुक्त सचिव डॉ. फिरोज अख्तर द्वारा दिए नोटिस में उल्लेख किया है कि प्रस्तावित गुरुकुल विवि मामले में साइंस कॉलेज डीन प्रो. राठौड़ को दोषी माना गया है। विवि अधिनियम व उसके अधीन बनाए गए परिनियमों के तहत नियमानुसार तत्काल निलम्बित कर इनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए लिखा गया था, लेकिन चार दिन बाद भी इस प्रकरण में निलम्बन की कार्रवाई नहीं हुई है। दोषी पाए गए सत्यापन समिति के डॉ. बेनीवाल को राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील) नियम 1958 के नियम 13 व डॉ. जयन्तसिंह को विवि अध्यादेश संख्या 357 सी -1 के तहत निलम्बित किया जा चुका है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सुविवि के साइंस कॉलेज डीन प्रो. राठौड़ को सुविवि के परिनियमों के पार्ट 7 पाइन्ट नम्बर 72 व अन्य संबंधित नियमों व प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दो दिन में रिपोर्ट राज्य सरकार को आवश्यक रूप से भिजवाएं। आपके द्वारा प्रकरण में किए जा रहे अनावश्यक विलम्ब को सरकार द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है। अपेक्षा है कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए प्रो. राठौड़ को तत्काल निलम्बित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें अन्यथा राज्य सरकार को अन्य विकल्पों पर विचार के लिए बाध्य होना पडे़गा।