उदयपुर

कोरोना के बीच सरकार पर टिकी सहयोग की उम्मीद

निजी चिकित्सालय प्रमुख बोले- जायज मांगें पूरी की जाए

उदयपुरMay 26, 2020 / 09:33 am

bhuvanesh pandya

कोरोना के बीच सरकार पर टिकी सहयोग की उम्मीद

भुवनेश पंड्या

र्उदयपुर. मरीजों के लिए दिन-रात एक कर उनकी सेहत की हिफाजत करने में निजी चिकित्सालयों की अग्रणी भूमिका रही है। अब भी शहर के दो निजी चिकित्सालय बेड़वास स्थित जीबीएच जनरल हॉस्पिटल और उमरड़ा स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 का शिकार मरीजों का उपचार किया जा रहा है। कोरोना महामारी के इस दौर में निजी चिकित्सालयों की उम्मीद सरकार पर टिकी है। ये निजी चिकित्सालय के प्रमुख अब सरकार से जायज मांगें रख उसे पूरी करने की उम्मीद कर रहे हैं। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश-
कोविड टेस्ट की मंजूरी मिले

– सरकार निजी चिकित्सालयों व लैब को कोविड टेस्ट की स्वीकृति दे ताकि किसी भी मरीज के उपचार में अनावश्यक देरी न हो। इससे मरीज और चिकित्सालय दोनों नुकसान से बचेंगे। फिलहाल एमबी में जहां टेस्ट हो रहे हैं वहां कोरोना जांच के लिए किसी को भेजा जाता है तो सही जवाब नहीं मिलता। जब दूसरी जगह प्राइवेट हॉस्पिटल्स व लैब को इसकी सुविधा दी है तो यहां भी देनी चाहिए।
नीतिज मुर्डिया, निदेशक, इंदिरा आईवीएफ
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बेहतर हो जांच सुविधा
हमने कलक्टर से लेकर सीएमएचओ और आरएनटी प्राचार्य को भी बताया है कि मरीजों को कोविड-19 के टेस्ट करवाने में परेशानी हो रही है। प्राइवेट हॉस्पिटलों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। देश में जब सभी जगह प्राइवेट लैब टेस्ट कर रहे हंै तो उदयपुर में भी इसकी स्वीकृति दी जानी चाहिए। अधिकांश मरीज प्राइवेट चिकित्सालयों आ रहे हैं, उनके लिए जांच सुविधा बेहतर होना जरूरी है। प्रदेश में होटल में जो क्वारंटीन होता है तो उन्हें राशि मिल रही है। जो मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल कोरोना मरीजों को भर्ती रखकर उपचार कर रहे हैं उन्हें भी खर्च मिलना चाहिए। छह माह से अधिक समय से भामाशाह की राशि नहीं मिल रही है, वह तत्काल देनी चाहिए।
डॉ. आनन्द गुप्ता, एमडी, अरावली हॉस्पिटल
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भामाशाह की बकाया राशि जारी हो
निजी हॉस्पिटलों की मजबूती के लिए अब सरकार को आगे आना चाहिए, जो राशि भामाशाह योजना की बकाया है, तत्काल उसे जारी करनी चाहिए। निजी लैब को जांच की स्वीकृति मिलनी चाहिए ताकि समय पर मरीज का उपचार शुरू किया जा सके।
– राहुल अग्रवाल, सचिव, पेसिफिक ग्रुप ऑफ हायर एजूकेशन
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यहां भी मिले टेस्ट की सुविधा

– यदि सभी जगह कोविड- 19 के लैब टेस्ट की सुविधा मिल रही है तो यहां क्यों नहीं। कई ऐसी सर्जरियां है, जिसमें यदि मरीज की जांच में देरी होती है तो उसका खतरा बढ़ जाता है। सरकार को चाहिए कि वह निजी हॉस्पिटलों की जायज मांगों को पूर्ण कर उनकी मदद करें। सरकार निजी हॉस्पिटलों के भामाशाह योजना का बकाया पैसा जारी करे ताकि हॉस्पिटल नियमित अपना कार्य करते रहे।
डॉ. आनन्द झा, ग्रुप डायरेक्टर, जीबीएच अमेरिकन हॉस्पिटल
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निजी लैब या हॉस्पिटलों में शुरू हो जांच

सरकार को चाहिए कि कोविड-19 की जांच निजी लैब या हॉस्पिटलों में शुरू की जाए, जिससे मरीजों को राहत मिलेगी। जो निजी लैब है उन्हें आईसीएमआर एनएबीएल एक्रिडेशन की जरूरत है, लेकिन सरकारी लैब को नहीं है, ये भी बड़ा अन्तर है।
नरेश खतुरिया, वित्तीय नियंत्रक अनन्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एण्ड रिसर्च सेंटर
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निजी लैब टेस्ट की अनुमति मिले

दिल्ली, मुम्बई में प्राइवेट लैब में कोविड टेस्ट शुरू हो चुके हैं। 80 प्रतिशत मरीज एसेम्पमेटिक हैं, ऐसे में उसे पहचानना मुश्किल है। ऐसे में ये जरूरी है कि यहां भी निजी लैब टेस्ट की अनुमति मिले। हमें कोविड के साथ ही जीना है तो यह जरूरी है कि इसकी अब सभी हॉस्पिटलों को भी स्वीकृति दी जाए।
डॉ. चिरायु पामेचा, निदेशक, श्री राम स्पाइन हॉस्पिटल

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