यहां के बच्चों द्वारा ली जा रही शिक्षा की मॉनिटरिंग स्कूल की संस्था प्रधान द्वारा सीसीटीवी कैमरों से की जाती है। पीने के लिए एक ओर जहां वाटर कूलर लगाया गया है तो इसके अलावा बोर्ड परीक्षा का परिणाम सुधारने के लिए एक्स्ट्रा क्लासेस भी लगाई जाती है। स्कूल को हाईटेक बनाने के लिए स्कूल की संस्था प्रधान और स्टाफ ने गांव के ही कुछ भामाशाहों से चंदा जुटा कर इन नवाचारों को स्कूल में अपनाया। 600 बच्चों वाले इस स्कूल में अब भामशाहोें के सहयोग से उच्चस्तर का फर्नीचर,कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, पंखे,आरओ कूलर,लाइट के साथ सभी चीजें उपलब्ध हैं।
READ MORE: राजस्थान के सम्प्रेक्षण गृहों से 3 साल में 253 बाल अपचारियों ने किया पलायन, सबसे अधिक जयपुर से डॉ. अंजू कोठारी ने बताया कि स्कूल की कक्षाएं और पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में है तो बच्चे प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर यूनिफार्म के साथ टेबल कुर्सी पर पढ़ कर प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैैं। स्कूल की छात्राओं को सुरक्षा प्रदान करने और दूसरी घटना होने से रोकने के लिए 13 सीसीटीवी कैमरे को स्कूल की कक्षाओं और पूरे परिसर में लगवाया गया है। स्कूल के छात्र भी इस स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण वाले स्कूल में पढ़कर खासे उत्साहित नजर आ रहे हैैं। स्कूल को स्मार्ट और हाईटेक बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस गांव के भामाशाह लाला राम गुर्जर का कहना है कि पहले इस स्कूल की हालात बहुत ज्यादा खराब थी। लेकिन उनके द्वारा स्कूल के हालात को सुधारने के लिए खासा योगदान दिया गया है और यही वजह हैै कि गांव के लोग प्राइवेट स्कूल से अपने बच्चे का नामांकन छुड़वा कर उनका दाखिला इस स्कूल में करवा रहे हैं। बलीचा के इस सरकारी स्कूल को हाईटेक और स्मार्ट बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले भामाशाहों का जज्बा काबिले तारीफ हैैै। उदयपुर सिटी के आसपास के गांवों में इस तरह के और भी स्कूलों के हालात सुधर रहे हैं जो बिगड़ी शिक्षा की सेहत में सुधार की दिशा में फायदेमंद कदम है।