2017 में आरटीई-20 नियमों के तहत 16 वर्ष की आयु वाले विद्यार्थियों को 8वीं परीक्षा में शामिल नहीं किया जा सकता है। गत वर्ष भी सैकड़ों बच्चे इस उम्र के पार थे, जिन्हें शिथिलता तो दी गई लेकिन मई, 2019 में फिर निदेशक ने आदेश जारी कर इस बार इसे सख्ती से लेने को कहा। इसमें यह स्पष्ट नहीं है। ऐसे में जो नियमित विद्यार्थी है उनकी उम्र नियमों के अनुसार ज्यादा होने पर उन्हें स्कूल में प्रवेश से मना किया जा रहा है। जिले में यही स्थिति बनी हुई है। संस्था प्रधान, सीबीईओ से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी तक इस की व्याख्या अपने अपने हिसाब से कर रहे हैं और खमियाजा विद्यार्थी उठा रहे हैं।
स्पष्ट नहीं इसलिए इस नियम से उलझन
2017 में आरटीई-20 नियमों के तहत 16 वर्ष की आयु वाले विद्यार्थियों को 8वीं परीक्षा में शामिल नहीं किया जा सकता है। गत वर्ष भी सैकड़ों बच्चे इस उम्र के पार थे, जिन्हें शिथिलता तो दी गई लेकिन मई, 2019 में फिर निदेशक ने आदेश जारी कर इस बार इसे सख्ती से लेने को कहा। इसमें यह स्पष्ट नहीं है। ऐसे में जो नियमित विद्यार्थी है उनकी उम्र नियमों के अनुसार ज्यादा होने पर उन्हें स्कूल में प्रवेश से मना किया जा रहा है। जिले में यही स्थिति बनी हुई है। संस्था प्रधान, सीबीईओ से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी तक इस की व्याख्या अपने अपने हिसाब से कर रहे हैं और खमियाजा विद्यार्थी उठा रहे हैं।
बीकानेर से जो आदेश है, उसमें 16 की उम्र वाले 8वी बोर्ड का फार्म नहंी भर सकते। आदेश स्पष्ट नहीं होने से 6 बच्चों को मना किया है। पढ़ाना तो चाहते हैं, लेकिन कल परेशानी हो तो अभिभावक हमें जिम्मेदार ठहराएंगे।
मंजू कोठारी, संस्था प्रधान, राउमावि बलीचा
आदेश स्पष्ट नहीं है, जो विद्यार्थी ड्रॉप आउट है वह अगर 8वीं में प्रवेश लेने आते हैं तो उनकी उम्र 16 होने पर ओपन परीक्षा के लिए प्रेरित करना है। नियमित विद्यार्थियों को प्रवेश देना ही पड़ेगा। निदेशालय पंजीयक भी स्पष्ट आदेश दे तो ठीक रहेगा।
पुष्पेन्द्र शर्मा, प्रिंसिपल, डाइट