सच पूछा जाए तो महाराणा प्रताप पूरे देश के गौरव व प्रेरणा स्तम्भ है। ऐसी स्थिति में राजस्थान विधानसभा मं एक ऐसे प्रेरक पुरुष की प्रतिमा लगाने पर हम सबका माथा ऊंचा ही होगा। स्मरण रहे कि विधानसभा भी हम सभी के लिए एक वह स्थल है जहां से पूरा प्रदेश गतिमान होता है और उज्जवल भविष्य की नींव रखी जाती है। प्रताप की प्रतिमा से विधानसभा पहुंचने वाले हमार जनप्रतिनिधियों के उच्च आदर्श हो सकते है, उनके दर्शन से ही उन्हें दिशा एवं ऊर्जा मिलेगी।
– प्रो. तेजसिंह तरुण, लेखक
– प्रो. तेजसिंह तरुण, लेखक
प्रताप प्रात: स्मरणीय स्वाभिमानी, समभाव सामाजिक न्याय और त्याग की भावना प्रजातांत्रिक मूल्यों की प्रेरणा देते हैं। वे 36 कौम के राजा थे और कुशल प्रशासक थे। विधानसभा में उनकी मूर्ति लगाने से सबको प्रेरणा मिलेगी। मै तो यह भी कहना चाहता हूं कि प्रताप की फोटो राजस्थान सरकार के पत्र व्यवहार के दौरान सरकारी परिपत्रों पर लगनी चाहिए, इससे सरकारी महकमा त्याग, बलिदान, स्वाभिमान की भावना की प्रेरणा भी हर समय सामने होगी।
– पृथ्वीराज सिंह चौहान, समाजसेवी
अरावली में ऐसी कोई घाटी नहीं जो प्रताप के किसी न किसी वीर कार्य, उज्जवल विजय या उससे अधिक कीर्ति युक्त कार्य से पवित्र ना हुई हो। प्रताप ने मरते दम तक मेवाड़ की आन बान को कायम रखा, इसी वीरता के कारण आज देश के हर जन मानस की रग-रग में प्रताप बसते है। विधानसभा में प्रतिमा लगना गौरव का विषय है, सरकार को तुरंत इसमें निर्णय लेकर कार्य शरू कर देना चाहिए।
– प्रदीप श्रीमाली, जिलाध्यक्ष भगवान परशुराम सर्व ब्राह्मण समाज सनातन
– प्रदीप श्रीमाली, जिलाध्यक्ष भगवान परशुराम सर्व ब्राह्मण समाज सनातन
पूरे राष्ट्र के आन-बान-शान के प्रतीक, हमारे गौरव प्रताप की प्रतिमा संसद भवन से पहले ही हमारे विधानसभा भवन में स्थापित हो जानी चाहिये थी। इतने वर्षों तक इस नेक कार्य में विलम्ब होना, कहीं न कहीं जनप्रतिनिधियों की कमजोर इच्छा शक्ति को दर्शाता है। जब जागो तब सवेरा। हमारे आदर्श और पथ प्रदर्शक प्रताप की प्रतिमा अविलंब विधानसभा भवन में स्थापित की जाए ताकि हमारे प्रदेश ही नहीं अपितु देश के अन्य क्षेत्रों से आने वाले जनप्रतिनिधियों व आम लोगों को भी उनके गौरवपूर्ण इतिहास की जानकारी और प्रेरणा मिले।
– इन्द्र मेनारिया, महामंत्री विप्र सेना, शहर विधानसभा
– इन्द्र मेनारिया, महामंत्री विप्र सेना, शहर विधानसभा