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उपखण्ड मुख्यालय पर खस्ताहाल है सीएचसी, 10 साल से नहीं है स्त्री रोग विशेषज्ञ, टॉर्च की रोशनी में होते प्रसव

locationउदयपुरPublished: Feb 15, 2019 01:48:43 pm

– चिकित्साधिकारियों की बैठक में प्रसूताओं के प्रति दिखाई थी गंभीरता

झाड़ोल . जिले की कलक्टर आनन्दी महिला स्वास्थ्य के प्रति गंभीर है। बुधवार को उदयपुर में हुई चिकित्साधिकारियों की बैठक में सख्त निर्देश दिए कि गर्भवती महिलाओं की जांच, उपचार पर विशेष ध्यान दिया जाए। जबकि जिले के आदिवासी अंचल झाड़ोल मुख्यालय पर चिकित्सा व्यवस्थाओं के हाल खराब है। यहां स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक का पद तो सालों से रिक्त है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को उपचार और प्रसव की व्यवस्थाएं अपर्याप्त है। आमजन को परेशानी के चलते जिला मुख्यालय के भरोसे रहना पड़ता है। आदिवासी बाहुल उपखण्ड क्षेत्र झाड़ोल के उपखण्ड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक ही नहीं होने से हाल बेहाल है। कहने को तो उपखण्ड मुख्यालय पर स्वास्थ्य केन्द्र है, लेकिन व्यवस्थाएं और चिकित्सक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के बराबर भी नहीं है।

पांच केंद्रों में से एक में भी स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं

झाड़ोल में 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झाड़ोल, फलासिया, कोल्यारी, ओगणा, मादड़ी है। इसमें से एक में भी स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है। झाड़ोल में वर्ष 2008 से स्त्री रोग विशेषज्ञ का पद रिक्त है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आने वाली प्रसूताओं को नर्सिंग स्टाफ ही संभालता हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं होने से सामान्य प्रसव को भी कई बार रेफर कर दिया जाता है। कई लोग चिकित्सक के अभाव में सीधे ही उदयपुर और निजी चिकित्सालय ले जाते हैं।
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टॉर्च की रोशनी में होते प्रसव
सीएचसी पर लगा डीजी 10 वर्ष से खराब पड़ा है। कुछ समय पर मरम्मत कराई, लेकिन कुछ दिनों बाद पुन: बन्द हो गया। ऐसे में करीब 10 साल से टॉर्च की रोशनी में प्रसव कराए जाते हैं।
एक प्रतिनियुक्त और एक दन्त चिकित्सक
झाड़ोल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रसव से लेकर आउटडोर तक की सारी जिम्मेदारी एक दन्त चिकित्सक डॉ. अनुराग आर्य और कोल्यारी से प्रतिनिुयक्ति पर कार्यरत डॉ. वीसी कटारा, मोहम्मद फलासिया रमेश कटारा, पानरवा से वीरेन्द्र डोडियार के भरोसे है।
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दर्जनों गांवों की समस्या
झाड़ोल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों का एक ही आधार है। यहां देवास, गोराणा, चन्दवास, ब्राह्मणों का खेरवाड़ा, कोचला, सुलतान जी का खेरवाड़ा, लूणावतों का खेड़ा, कन्थारिया, सैलाणा, माकड़ादेव, गोदाणा, गोगला, बदराणा, खाखड़, मगवास, दमाणा ग्राम पंचायतों के हजारों ग्रामीण पहुंचते हैं। यहां चिकित्सक नहीं मिलने पर लोग झोलाछाप डॉक्टरों के दवाखाने पर जाने को मजबूर हैं।
इनका कहना

मैंने उच्चाधिकारियों को कई बार पत्रों, जिले की बैठकों के दौरान रिक्त पदों के बारे में अवगत कराया। अभी प्रतिनियुक्त चिकित्सकों से काम चला रहे हैं। – डॉ. धर्मेन्द्र गरासिया, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी, झाड़ोल
वास्तव में स्टाफ की कमी है। डीजी खराब है, यह मेरी जानकारी में नहीं है। सीएम के दौरे पर ठीक कराया था। वापस खराब हो गया होगा। पुन: ठीक करा देंगे। – डॉ. दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ, उदयपुर
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