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गर्मी छुट्टी समाप्त होने के बाद इसकी पढ़ाई शुरू होगी। इससे संबंधित निर्देश जल्द ही स्कूलों को भेजा जायेगा। शिक्षकों की माने तो 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में यह व्यवस्था लागू होगी। 9वीं और 10वीं में मैट्रिक और 11वीं-12वीं में प्लस टू के संकायवार टॉपर्स की कॉपी को सैंपल पेपर के रूप में दिये जायेंगे। हर साल परीक्षा के तीन महीने पहले बोर्ड सैंपल पेपर जारी करता रहा है, इसमें बोर्ड प्रश्न पत्र के पैटर्न की जानकारी देता है। पहली बार है, जब टॉपर्स की कॉपियों को तीन कैटेगरी में रखा जाएगा।
गर्मी छुट्टी समाप्त होने के बाद इसकी पढ़ाई शुरू होगी। इससे संबंधित निर्देश जल्द ही स्कूलों को भेजा जायेगा। शिक्षकों की माने तो 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में यह व्यवस्था लागू होगी। 9वीं और 10वीं में मैट्रिक और 11वीं-12वीं में प्लस टू के संकायवार टॉपर्स की कॉपी को सैंपल पेपर के रूप में दिये जायेंगे। हर साल परीक्षा के तीन महीने पहले बोर्ड सैंपल पेपर जारी करता रहा है, इसमें बोर्ड प्रश्न पत्र के पैटर्न की जानकारी देता है। पहली बार है, जब टॉपर्स की कॉपियों को तीन कैटेगरी में रखा जाएगा।
—– ये मिलेगा फायदा: – उत्तर लिखने के तरीके की जानकारी मिलेगी। – दो प्रश्न के उत्तर के बीच कितनी जगह छोडे़, इसे जान पाएंगे। – स्टेपवाइज मार्किंग के लिए उत्तर लिखने का तरीका पता चलेगा।
– जवाब देने में रफ वर्क करने की जानकारी मिलेगी। – हैंडराइटिंग पर अंक मिलते हैं, इसे छात्र समझेंगे। —- राष्ट्रीय स्तर के टॉपर के साथ जोन और राज्य टॉपर को भी रखा जायेगा। इसमें छात्र यह जान पाएंगे कि राष्ट्रीय, जोन और राज्य टॉपर्स की कॉपी में क्या अंतर हैं। उत्तर लिखने के सही पैटर्न को हर छात्र समझें, इसके लिए यह शुरू किया जा रहा है। हर स्कूल अपनी वेबसाइट पर भी इसे डाल सकेंगे। इसके अलावा स्कूल में टॉपर्स की उत्तर पुस्तिका को सैंपल बना कर पढ़ाई का फायदा छात्रों को होगा।
—– हमारी कक्षाओं के टॉपर्स की कॉपी हम बच्चों को दिखाते रहे हैं, लेकिन इस बार बोर्ड ने ये पूरे देश में लागू किया है, ताकि बच्चा इसे देख अपना स्कोर बढ़ा सकेगा। देश या जॉन के टॉपर्स की कॉपी को साइट पर अपलोड किया जाएगा, बच्चे जो संबंधित कक्षा में है, उसे समझने का मौका मिलेगा, इससे बच्चे को की पाइन्ट (वैल्यू पाइन्ट) के अनुरूप उत्तर देने की जानकारी मिलेगी, ताकि वह अनावश्यक उत्तरों का विस्तार नहीं देगा।