इन्होने ऐसे समझाया: बिजनेस एवं पर्सनल फंड को रखे अलग
उदयपुर. अधिकांश व्यावसायी उनके बिजनेस फंड और पर्सनल फंड को अलग-अलग नहीं रखते हैं। इस कारण व्यवसाय में उतार-चढ़ाव का असर उनके व्यक्तिगत जीवन व परिवार के सदस्यों पर पड़ता है। शनिवार को यूसीसीआई भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये जानकारी सौष्ठव चक्रवर्ती ने दी। उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से यूसीसीआई भवन में निवेष योजना विषयक बैठक को संबोधित करते हुए संगठन अध्यक्ष हंसराज चौधरी ने कहा कि यूसीसीआई सदस्य उनकी औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों की व्यस्तता के कारण स्वयं की बचत के सही निवेश की ओर से ठीक से ध्यान नहीं दे पाते हैं। व्यवसायिक योजानाओं के लिए धन जुटाने, भावी पीढ़ी की शिक्षा-दीक्षा एवं विवाह सम्बन्धी खर्चे, स्वयं के रिटायरमेंट के बाद जीवनयापन एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी निवश योजनाओं आदि के सम्बन्ध में विषेशज्ञ की राय जरूरी है। विषय विषेशज्ञ चक्रवर्ती ने अलग-अलग वर्ग के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार विभिन्न निवेश योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उद्यमियों के साथ-साथ कार्मिकों को भी छोटी बचत के माध्यम से निवेश शुरू करने की बात कही। चर्चा के उपरांत यूसीसीआई सदस्यों व कार्मिकों के लिए वर्तमान समयानुसा निवेश योजना पर कार्यशाला का आयोजन रखा जाना तय हुआ। बैठक में यूसीसीआई की बैंकिंग एवं फाइनेंस सब कमेटी के चेयरमैन कपिल सुराणा की ओर से हुआ। पवन तलेसरा, राकेश माहेश्वरी, हसीना चक्कीवाला एवं अन्य कार्यकारिणी सदस्य मौजूद थे। मानद कोषाध्यक्ष जतीन नागौरी ने आभार जताया।
Home / Udaipur / इन्होने ऐसे समझाया: बिजनेस एवं पर्सनल फंड को रखे अलग