script#sehatsudharosarkar नाम के नि:शुल्क कई जगह दवाई नहीं तो कई जगह जांच मशीनें खराब | Healthcare In Rajasthan Healthcare In India Udaipur | Patrika News

#sehatsudharosarkar नाम के नि:शुल्क कई जगह दवाई नहीं तो कई जगह जांच मशीनें खराब

locationउदयपुरPublished: Sep 15, 2017 07:38:00 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

उदयपुर जिले में अस्पताल चल रहे भगवान भरोसे, आदिवासी क्षेत्रों में दवाओं के पैसे तक लिए जा रहे

#SehatSudharoSarkar : Patrika Campaign
उदयपुर . इलाज के लिए सरकार द्वारा करोड़ों खर्च करने के बाद भी आदिवासी सुदूर इलाकों में आज भी मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। सरकार की निशुल्क दवाओं का कई जगह टोटा है तो कुछ जगह धड़ल्ले से बाहर की लिखी जा रही है। जांचों के नाम पर कई मशीनें खराब पड़ी है तो कुछ जगह मशीनों को चलाने के लिए तकनीकी कर्मी ही नहीं है। ऐसे स्थिति में मरीजों को निजी अस्पतालों या फिर जिला मुख्यालयों के अस्पतालों में दौडऩा पड़ रहा है। मोहम्मद फलासिया गांव में चिकित्सक के अभाव में कम्पाउंडर इलाज कर नि:शुल्क दवाओं के पैसे ले रहा है। इतना सब कुछ होने के बावजूद सरकार चिकित्सक महकमा स्वास्थ्य के प्रति सजगता की बात कर गुमराह कर रहा है।

जांच मशीनें खराब, ठीक करने के बजाए हटा दिया तकनीकीकर्मी को ही

आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र – खेरोदा
गांव की आबादी – करीब 8 हजार, 52 गांव के बीच एक मात्र अस्पताल
अस्पताल में प्रतिदिन करीब डेढ़ से ज्यादा मरीज आते हैं। निशुल्क दवाओं को कोटा पूरा है लेकिन मौसमी बीमारियों में मरीजों की कतारे लगने के बाजवूद यहां पिछले एक साल से एक्स-रे व इसीजी मशीन खराब पड़ी है। बीमारी के प्रारंभिक चरण की जांचों के लिए भी मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद सीधा उदयपुर या भीण्डर दौडऩा पड़ता है। इन जांच मशीनों को ठीक करवाने के बजाए ाराबी के चलते यहां पर लगे तकनीकी कर्मी को ही हटा दिया गया। यहां पर पन्द्रह दिन पहले ही आए चिकित्सक को अभी मशीनों के खराबी की जानकारी भी नहीं है।

healthcare in rajasthan
निशुल्क दवाओं को टोटा, बाहर से खरीद रहे मरीज
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र – गोगुन्दा
गांव की आबादी – करीब 10 हजार, 20 गांवों के लोग आते ही यहां इलाज करवाने

अस्पताल में प्रतिदिन करीब तीन से साढ़े तीन सौ मरीज आते हैं। हाल में मौसमी बीमारियों के चलते यह आउटडोर पांच सौ के पार चल रहा है। सरकारी की निशुल्क दवाओं को यहां पर भारी मात्रा में कमी है। चिकित्सक द्वारा लिखी गई अधिकांश दवाएं मेडिकल से खरीदने पड़ रही है। चिकित्सकों का कहना है कि उन्होंने जिन दवाइयों की मांग कर रखी है वो अभी तक नहीं आई, कुछ और कम पड़ गई तो उन्होंने नई सूची भेजी भी नहीं। इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मरीजों को सामान्य बीमारियों की दवाई भी बाहर से खरीदनी पड़ रही है। यहां पर जांच के लिए एक एक्स-रे मशीन है लेकिन रेडियोग्राफर नहीं होने की वजह ये मशीन तीन वर्ष से बंद कमरे में धूल फांक रही है। नर्सिंग स्टाफ की कमी से यहां पर मरीजों के दवाई व उपचार में भी काफी समय लग रहा है।
healthcare in rajasthan
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो