scriptयहां है कैंसर का फाइव स्टार उपचार | Here is the five star treatment of cancer | Patrika News

यहां है कैंसर का फाइव स्टार उपचार

locationउदयपुरPublished: Oct 14, 2020 07:28:43 am

Submitted by:

bhuvanesh pandya

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एमबी हॉस्पिटल के एसएसबी ब्लॉक में बदल गया नजारा

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भुवनेश पंड्या

उदयपुर. महाराणा भूपाल हॉस्पिटल maharana bhupal hospital में अब कैंसर cancer का फाइव स्टार उपचार शुरू हो चुका है, जल्द ही यहां एक नया मशीन लगने के साथ ही मरीजों को बेहतर से बेहतर उपचार मिल सकेगा। यह नया मशीन होगा लिनियर एक्सीलरेटर Linear particle accelerator मशीन। जो बीकानेर के बाद उदयपुर के मेडिकल कॉलेज में प्रदेश का दूसरा मशीन लगाया जाएगा। पहले पुराने भवन में डे-केयर में केवल तीन पलंग थे, जबकि यहां 24 पलंग लगाए गए है, इससे यहां किमो थैरेपी ज्यादा मरीजों को की जा सकेगी। प्रत्येक पलंग पर किमोथैरेपी लगाए जाने वाले मरीजों को रखा जाने लगा है। उन्हें साफ सुथरे वातावरण में किमो लग सकेगी, जिससे संक्रमण नहीं फैलेगा, प्रत्येक पलंग पर सक्शन, ऑक्सीजन व वेक्यूम की सुविधा है, सभी पलंग पूरी तरह से मोट्राइज व एडवान्स है।
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ब्लॉक को देखकर लगेगा जैसे किसी होटल में हों एसएसबी ब्लॉक ssb block udaipur को देखकर ऐसा लगेगा जैसे कोई व्यक्ति किसी फाइव स्टार होटल में आ गया हो। यहां कैंसर ओपीडी शुरू हो चुकी है। इसमें बैठने के लिए बेहतर बैंच लगाई गई है, तो बकायदा मरीजों के टोकन नम्बर डिस्प्ले के लिए एलसीडी लगाए गए हैं। ताकि मरीजों को कतारों में नहीं रुकना पड़े। जो डे केयर यानी आईपीडी है, उसे ऐसा बनाया गया है कि प्रत्येक मरीज नर्सेज की सीधी नजर में रहेगा।
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कैंसर विशेषज्ञ डॉ नरेन्द्र राठौड़ ने बताया कि एसएसबी ब्लॉक के ग्राउण्ड फ्लोर पर दक्षिणी हिस्से को रेडियो थैरेपी मार्डन ट्रिटमेंट कॉम्पलेक्स बनाया गया। यहां अब एडवांस सिटी सिमुलेशन की सुविधा शुरू हो रही है। इसे मरीज के ट्रिटमेंट से पूर्व जांच के लिए उपयोग में लिया जाता है। जिससे ये पता चलता है रेडियोथैरेपी का ूमरीज के लिए कौनसा प्लान अच्छा होगा। इससे ये भी पता चलता है कि रेडिएशन किस तरह से देना है, शरीर का कौनसा हिस्सा है जहां ट्यूमर है। मरीज के श्वास लेने पर उस ट्यूमर में कैसे और कितनी हलचल होती है। यह मशीन करीब नौ करोड़ रुपए का है।
– लिनियर एक्सीलरेटर: यह मशीन सबसे महत्वपूर्ण यूनिट है। सिटी सिमुलेशन की जानकारी शामिल कर मरीज के लिए बेहतर प्लान चुना जाता है, इसके बाद लिनियर एक्सीलरेटर को कंमांड देते है। फिर यह मशीन थैरेपी उपचार करता है। उदयपुर दूसरा मेडिकल कॉलेज है जिसमें यह सुविधा अपने स्तर शुरू की है, इससे पहले बीकानेर में यह उपचार चल रहा है। जयपुर में निजी माध्यम से चल रहा है, यहां जल्द ही यह मशीन लगेगा, इसका फाउण्डेशन तैयार हो चुका है। – इसमे ंपहले से अस्पताल में रेडियोथैरेपी दो मशीन उपलब्ध है, एक भाबाट्रोन है और दूसरा ब्रेकी थैरेपी मशीन उपलब्ध है। – कोरोना संक्रमण के कारण इस मशीन को लगने में देरी हो गई है, नहीं तो अब तक ये मशीनों से उपचार शुरू हो चुका होता।

एसएसबी ब्लॉक में कैसर का बेहतर उपचार शुरू किया गया है, जल्द ही नए मशीन लगने के साथ ही हम और बेहतर कर पाएंगे। हर मरीज के लिए यह सुविधा उसके जीवन की सुरक्षा में महत्वपूर्ण रहेगी।
डॉ लाखन पोसवाल, प्राचार्य आरएनटी मेडिकल कॉलेज rnt medical college उदयपुर

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