हाईकोर्ट ने १९ मई को फैसला जारी किया। निगम व यूआईटी की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता अनुराग शुक्ला ने कहा कि इलाके के पास ही फोरलेन हाइवे जो अभी सिक्स लेन में बदल रहा है वह है एेसे में वाहन वहीं से गुजरते है और उस क्षेत्र में कोई टोल भी नहीं है, मादड़ी में अंडरपास का काम चल रहा था एेसे में वाहनों का उस क्षेत्र में उस समय आना हुआ था, साथ ही यह भी बताया कि अगर वहां पर हाइट बेरियर लगाया जाएगा तो उस क्षेत्र में आने वाली स्कूल बसें, दमकल और विकसित हो रहे क्षेत्र में निर्माण सामग्री लानी वाली गाडि़या भी नहीं जा सकेगी।
—- पूरा मामला यह है उदयपुर में १४ दिसम्बर २०१२ को स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष व सदस्य ने मन्नाराम डांगी बनाम जिला कलक्टर में पेश आवेदन पर शहर में एफसीआई गोदाम से झामरकोटड़ा के बीच लिंक सडक़ पर भारी वाहनों को रोकने के लिए न्यायालय ने नगर निगम आयुक्त व यूआईटी सचिव को १५ दिन के भीतर अण्डर हाइट बेरियर लगाने के आदेश दिए। इस अवधि में कार्रवाई नहीं करने पर संबंधित विभाग को प्रति दिन दो हजार रुपए न्यायालय में जमा करवाने को कहा। सेक्टर-४ निवासी मन्नाराम डांगी ने स्थायी अदालत में पक्ष रखते हुए कहा कि कानपुर रोड पर एफसीआई गोदाम के सामने आबादी क्षेत्र सेक्टर-३, ४, ५ व ६ में होते हुए झामरकोटड़ा-सवीना रोड गुजर रहा है। इस पर भारी वाहनों का आवागमन है, प्रदूषण फैल रहा है तथा हादसे की संभावना रहती है ऐसे में इन वाहनों को रोका जाना चाहिए। इस फैसले को नगर विकास प्रन्यास व नगर निगम ने हाईकोर्ट में अपील की, हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद न्यायाधीश अरुण भंसाली ने उदयपुर में स्थायी लोक अदालत के आदेश पर स्थगन आदेश दिया था।