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इतिहासकारों ने नजर अंदाज किया महाराणा प्रताप का विक्टोरियस व्यू, शिलालेख हटाया है, जल्द नया लगेगा

locationउदयपुरPublished: Sep 21, 2021 02:13:10 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

फ्लेग- केन्द्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री मेघवाल पहुंचे उदयपुर- प्रताप विक्टोरियस व्यू के प्रतीक: मेघवाल
– मीडिया से बोले- गहलोत को हटने का डर- राजस्थान पर्यटन विभाग के शिलालेख से प्रताप का हुआ अपमान

इतिहासकारों ने नजर अंदाज किया महाराणा प्रताप का विक्टोरियस व्यू, शिलालेख हटाया है, जल्द नया लगेगा

इतिहासकारों ने नजर अंदाज किया महाराणा प्रताप का विक्टोरियस व्यू, शिलालेख हटाया है, जल्द नया लगेगा

उदयपुर. केन्द्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि इतिहासकारों ने महाराणा प्रताप के विक्टोरियस व्यू को नजर अंदाज किया है। महाराणा प्रताप विक्टोरियस व्यू के प्रतीक हैं। मेघवाल ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जहां महाराणा प्रताप का नाम आता है, वहां राजस्थान का कोई भी नागरिक हो उसका सीना गर्व से चौड़ा होता ही है, हर भारतीय गर्व से भर जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, एएसआइ ने हल्दीघाटी के रक्ततलाई में राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से लगवाए गए शिलालेख को हटवा दिया है, इसमें निर्णायक हल्दीघाटी युद्ध को लेकर गलत तथ्य अंकित थे। वास्तविक तथ्यों के साथ नए शिलालेख लगवाए जाएंगे। नए शिलालेख लिखवाए जाने से पहले हल्दीघाटी युद्ध को लेकर प्रामाणिक तथ्यों का अध्ययन किया जा रहा है, इतिहासकारों से जानकारी जुटाई जा रही है। महाराणा प्रताप का अपमान है। मेघवाल ने यहां बागौर की हवेली का निरीक्षण कर विभागीय कार्यों की समीक्षा की।
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कितनी बार जीते, वह नहीं लिखा

मेघवाल ने कहा कि पृथ्वीराज चौहान कितनी बार जीते, उसका कहीं उल्लेख नहीं है, लेकिन एक बार हारे वह लिख दिया गया। ऐसे ही महाराणा प्रताप कभी पीछे नहीं हटे, लेकिन उस शिलालेख में ऐसा लिख दिया है। करणी सेना, क्षत्रीय समाज, नागरिक, व राजसमन्द सांसद दियाकुमारी ने भी इसका विरोध किया था। इसमें इतिहासकारों से बात कर उसका संशोधन करवा रहे हैं। अधिकारियों से भी बात कर इस पर निर्णय ले रहे हैं। देश आजाद होने के बाद कुछ ऐसे इतिहासकार आ गए, जिन्होंने विक्टोरियस व्यू को सामने नहीं रखा।
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प्रधानमंत्री ने सौंपा कार्य, गुमनाम नायकों को पहचान देनी है

मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ा काम मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर को दिया है, जो गुमनाम हीरो हैं, उन्हें पहचान देनी है, जो अब तक मिली नहीं है। इसमें मानगढ़ धाम (बांसवाड़ा) को लिया है, उसका जिक्र भी गोविन्द गुरू के रूप में किया है। किस तरह से अंग्रेजों से लड़ाई लड़ते हुए 1500 लोग एक ही दिन में मारे गए। ये हमारे गुमनाम नायक हैं। जिन्हें वह सम्मान मिलना चाहिए, जो मिला नहीं, हम 1857 से अब तक के सभी अनसंग हीरो की पहचान कर रहे हैं।
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ये भी बोले-
– उन्होंने हाल में पंजाब में हुए मुद्दे पर कहा कि कैप्टन अमरिन्दरसिंह नवजोत सिंह सिद्दू को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बता रहे हैं, कांग्रेस को उनसे सवाल पूछना चाहिए कि एसा क्यों?
– उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को डर है, पंजाब में निर्णय हो चुका है, अब राजस्थान में भी हो सकता है, इसलिए वह डरकर कुछ ना कुछ बोलते जा रहे हैं। हालांकि ये निर्णय तो कांग्रेस को करना है।
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