scriptHitendra garasiya case: विदेश मंत्रालय को दिए 7 दिन, नहीं तो फिर होगा आंदोलन | Hitendra garasiya case | Patrika News

Hitendra garasiya case: विदेश मंत्रालय को दिए 7 दिन, नहीं तो फिर होगा आंदोलन

locationउदयपुरPublished: Dec 08, 2021 11:01:54 pm

Submitted by:

Pankaj

Hitendra garasiya case: पीडि़त परिवार ने जंतर-मंतर पर छठे दिन भी किया प्रदर्शन, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव तरुण कुमार भी पहुंचे धरने पर, उच्च न्यायालय में वाद दायर, आज होगी सुनवाई

Hitendra garasiya case: विदेश मंत्रालय को दिए 7 दिन, नहीं तो फिर होगा आंदोलन

Hitendra garasiya case: विदेश मंत्रालय को दिए 7 दिन, नहीं तो फिर होगा आंदोलन

उदयपुर. बीते साढ़े चार माह से रूस में पड़े गोड़वा गांव के हितेंद्र गरासिया के शव को भारत लाने की मुहिम जारी है। मांग को लेकर परिजनों ने लगातार छठे दिन भी नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में रूस से शव लाने की कार्रवाई में विदेश मंत्रालय को 7 दिन का समय दिया है। इस दरमियान भी सकारात्मक रवैया नहीं अपनाने पर फिर आंदोलन तेज होगा। इधर, उच्च न्यायालय में भी वाद दायर किया गया है, जिसकी सुनवाई बुधवार को होगी।
हितेंद्र गरासिया के पुत्र पीयूष व कांग्रेस प्रवासी सहायता प्रभारी चर्मेश शर्मा ने मंगलवार को जंतर-मंतर पर बैनर लहराते हुए प्रदर्शन किया। कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव व राजस्थान सहप्रभारी तरुण कुमार व उनकी पत्नी दिल्ली नगर निगम की पार्षद प्रेरणा सिंह भी पीडि़त परिवार से मिलने जंतर-मंतर पहुंचे। उन्होंने भी मृतक के पुत्र पीयूष को सांत्वना दी। हारुन खान ने बताया कि कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव तरुण कुमार ने हितेंद्र केस को गम्भीर मसला बताया। उन्होंने केंद्र सरकार को जल्दी कार्रवाई करके हितेंद्र का शव भारत लाने की मांग का समर्थन किया।
राष्ट्रपति भवन में न्याय की गुहार
हितेंद्र के पुत्र पीयूष ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन जाकर न्याय की गुहार लगाई। मामले में रशियन सरकार की ओर से कार्रवाई की जिम्मेदारी विदेश मंत्रालय व रूस स्थित भारतीय दूतावास पर डाली गई है। इसके बाद मंगलवार को परिजनों ने विदेश सचिव हर्षवर्धन के कार्यालय में पहुंचकर वार्ता की। विदेश मंत्रालय को प्रभावी कार्रवाई के लिए 7 दिन का समय दिया। सप्ताहभर आंदोलन को विराम दिया गया है।
न्यायपालिका की शरण

हितेंद्र का शव लाने की मुहिम से जुड़े कांग्रेस प्रवासी सहायता प्रभारी चर्मेश शर्मा ने कहा कि शव भारत लाने के लिए आंदोलन के साथ संवैधानिक अधिकारों का उपयोग किया जाएगा। पीडि़त परिवार को न्याय दिलवाने के लिए भारत व रूसी सरकार की ओर से अंतरराष्ट्रीय कानूनों व मानवाधिकारों के उल्लंघन के साथ आर्टिकल 21 व 25 के तहत दिए गए मौलिक अधिकारों के हनन पर न्यायालय की शरण ली गई है।
…नहीं तो फिर जंतर-मंतर पर आंदोलन
मंगलवार शाम को जंतर-मंतर पर हितेंद्र के परिजनों के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता चर्मेश शर्मा ने कहा कि सप्ताहभर में कार्रवाई नहीं हुई तो पीडि़त परिवार व सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से पुन: जंतर-मंतर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। शर्मा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार व विदेश मंत्रालय की ओर से जल्द ही प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो