ग्रामीणों ने बताया कि रपट को पार कर सराड़ी की ओर जाने वाले मार्ग पर नदी किनारे साइडवाल बना रखी है। इस साइडवॉल के नीचे से मिट्टी, पत्थर की दीवार (wall)ढह जाने से कभी भी गिरने का खतरा है। नदी में पानी से पूर्व साइडवाल के निकट से बजरी खनन कर दिया गया, जिससे पानी आते ही दीवार को क्षति (damage)हुई और मिट्टी खिसकने से नींव (The foundation)कमजोर होने से सुराख हो गया। गौरतलब है कि सराड़ी- गींगला मार्ग से डम्पर, ट्रैक्टर आदि वाहनों की आवाजाही होती है। नदी में पानी लबालब है। ऐसे में अनजाने में वहां से गुजरते समय कभी भी हादसे हो सकता है।
कलक्टर एवं मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
सराड़ी- गींगला मार्ग की खस्ताहाल दशा और टेंडर के बावजूद काम नहीं होने पर ग्रामीणों में जहां नाराजगी है, वहीं भाजयुमो देहात जिलाध्यक्ष चन्द्र शेखर जोशी ने जिला कलक्टर को अवगत कराया और मुख्यमंत्री को ट्वीट किया। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका के १२ अगस्त के अंक में ‘राज बदलते ही कार्य गया ठंडे बस्ते मेंÓ शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी।
महिलाओं ने बाढ़ पीडि़तों के लिए जुटाई सहायता
फलासिया . महाराष्ट्र में बाढ़ पीडि़त जैन समाज के परिवार की सहायता के लिए त्रिशला महिला मण्डल ने सहायता राशि जुटाई। महिलाओं ने घर-घर जाकर चंदा राशि जुटाई। अध्यक्ष हेमलता देवी पंचोली, जसोदा बाई, सुमित्रा बाई, सुशीला बाई की भागीदारी रही।
कलक्टर एवं मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
सराड़ी- गींगला मार्ग की खस्ताहाल दशा और टेंडर के बावजूद काम नहीं होने पर ग्रामीणों में जहां नाराजगी है, वहीं भाजयुमो देहात जिलाध्यक्ष चन्द्र शेखर जोशी ने जिला कलक्टर को अवगत कराया और मुख्यमंत्री को ट्वीट किया। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका के १२ अगस्त के अंक में ‘राज बदलते ही कार्य गया ठंडे बस्ते मेंÓ शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी।
महिलाओं ने बाढ़ पीडि़तों के लिए जुटाई सहायता
फलासिया . महाराष्ट्र में बाढ़ पीडि़त जैन समाज के परिवार की सहायता के लिए त्रिशला महिला मण्डल ने सहायता राशि जुटाई। महिलाओं ने घर-घर जाकर चंदा राशि जुटाई। अध्यक्ष हेमलता देवी पंचोली, जसोदा बाई, सुमित्रा बाई, सुशीला बाई की भागीदारी रही।