दोपहर दो बजे सभी समिति अध्यक्षों तथा नगर निगम से यूआईटी के मनोनीत दो ट्रस्टियों को भाजपा शहर अध्यक्ष दिनेश भट्ट ने पटेल सर्कल स्थित पार्टी कार्यालय बुलाया और वहां से सीधे देबारी के पास पिंडवाड़ा हाई-वे पर एक पार्टी पदाधिकारी के फार्म हाउस पर गाडिय़ों में ले गए। वहां पर औपचारिक बैठक हुई और उसके बाद कटारिया ने बंद कमरे में एक-एक समिति अध्यक्ष तथा दोनों ट्रस्टियों को सुना। बाद में कटारिया ने महापौर कोठारी व उप महापौर लोकेश द्विवेदी को भी सुना।
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कटारिया ने बाद में सभी की एक बैठक ली और महापौर कोठारी से कहा कि आप अपना रवैया व व्यवहार सुधार लें। सभी को साथ लेकर साथ बैठकर शहरी विकास पर काम करें। सार्वजनिक जीवन में है, ऐसे में सबके साथ अच्छे से समन्वय हो और अच्छे शहर के विकास के काम हों।
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कटारिया ने बाद में सभी की एक बैठक ली और महापौर कोठारी से कहा कि आप अपना रवैया व व्यवहार सुधार लें। सभी को साथ लेकर साथ बैठकर शहरी विकास पर काम करें। सार्वजनिक जीवन में है, ऐसे में सबके साथ अच्छे से समन्वय हो और अच्छे शहर के विकास के काम हों।
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समिति अध्यक्षों से कहा- मीडिया से दूर रहे कटारिया ने समिति अध्यक्षों व दोनों ट्रस्टियों से कहा कि आपको भी कोई बात करनी है तो सीधे करें। आपस की बातों को लेकर मीडिया से दूरी बनाए रखें। पार्टी मंच पर बात करें। कोई भी बात होगी तो दूर कर ली जाएगी, समन्वय के साथ काम करें। जनता की सेवा के लिए आए हैं, पट्टा लिखा कर थोड़े ही आए हैं, अच्छा करोगे तो जनता याद रखेगी। उन्होंने कहा कि विकास की बात कीजिए, फंड की चिंता मत कीजिए।
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सबके मोबाइल करवाए स्विच ऑफ
वहां जाते ही सभी के मोबाइल स्विच ऑफ करवा दिए। बाद में सभी ने मोबाइल भी शहर अध्यक्ष दिनेश भट्ट को दे दिए। शाम करीब छह बजे तक चली बैठक के बाद सभी को मोबाइल वापस दिए गए।
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सबके मोबाइल करवाए स्विच ऑफ
वहां जाते ही सभी के मोबाइल स्विच ऑफ करवा दिए। बाद में सभी ने मोबाइल भी शहर अध्यक्ष दिनेश भट्ट को दे दिए। शाम करीब छह बजे तक चली बैठक के बाद सभी को मोबाइल वापस दिए गए।
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बदलाव का प्रश्न ही नहीं ये कोई मीटिंग नहीं थी, सभी से पूछताछ की। यह सामने आया कि महापौर का व्यवहार थोड़ा कठोर है, इसलिए नाराजगी है। किसी का कोई और मानस नहीं था। बदलाव का कोई प्रश्न ही पैदा नहीं होता। किसी ने यह सोचकर कुछ किया कि हमारे करने से कोई महापौर बदल जाएगा तो इसकी कोई संभावना नहीं है। मैं सोचता हूं महापौर कोठारी को भी थोड़ा व्यवहारिक होकर सबको साथ लेकर चलने की आदत बनानी होगी।
– गुलाबचंद कटारिया, गृहमंत्री (जैसा कि पत्रिका को बताया)
बदलाव का प्रश्न ही नहीं ये कोई मीटिंग नहीं थी, सभी से पूछताछ की। यह सामने आया कि महापौर का व्यवहार थोड़ा कठोर है, इसलिए नाराजगी है। किसी का कोई और मानस नहीं था। बदलाव का कोई प्रश्न ही पैदा नहीं होता। किसी ने यह सोचकर कुछ किया कि हमारे करने से कोई महापौर बदल जाएगा तो इसकी कोई संभावना नहीं है। मैं सोचता हूं महापौर कोठारी को भी थोड़ा व्यवहारिक होकर सबको साथ लेकर चलने की आदत बनानी होगी।
– गुलाबचंद कटारिया, गृहमंत्री (जैसा कि पत्रिका को बताया)