राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के रजिस्ट्रार ने नियुक्तियों के लिए 13 जून 18 और 22 जनवरी 19 को विज्ञप्तियां निकाली थी। इनके अनुरूप भर्तियों को लेकर साक्षात्कार भी हो गए, लेकिन चुनावी आचार संहिता के कारण भर्तियां नहीं हो सकी। इस बीच, कुछ अभ्यर्थी हाइकोर्ट चले गए। हाइकोर्ट ने दोनों विज्ञप्तियों को गलत मानते हुए खारिज कर दिया और नई विज्ञप्ति निकालने के आदेश जारी किए हैं। रजिस्ट्रार की गलती के कारण अब तक ये भर्तियां नहीं हो सकी।
—– लालच भारी, कानून का डर नहीं 2016 से 18 के बीच प्रदेश में उपभोक्ताओं को ठगने के 53 हजार 783 मामले सामने आए हैं। लालच के फेर में व्यापारी या कंपनियां उपभोक्ताओं से ठगी करने में हिचक नहीं रही है। पुराने एवं इन मामलों में से करीब 52744 परिवाद निस्तारित होने के बावजूद आधे मामले अटके हुए हैं।
—– जिले जहां नहीं है अध्यक्ष – उदयपुर (फिलहाल राजसमन्द जिले के अध्यक्ष कमल नाहर कार्य संभाल रहे हैं) – अजमेर – बांसवाड़ा – बाड़मेर – बूंदी – चित्तौडगढ़़
– चूरू – दौसा – डूंगरपुर – हनुमानगढ़ – जैसलमेर – जालौर – झालावाड़ – करौली – पाली – प्रतापगढ़ – सीकर – जोधपुर द्वितीय
—– उदयपुर जिला मंच के हाल उदयपुर जिला मंच के सदस्य भारतभूषण ओझा ने बताया कि वर्ष 2018-19 तक के 1045 मामले लम्बित हैं। 362 मामले हल हुए हैं। जितने मामले हल किए जाते हैं, कई बार उससे अधिक मामले दर्ज हो जाते हैं। ऐसे में लम्बित मामलों की संख्या अधिक बनी रहती है। उदयपुर जिला मंच के अध्यक्ष का कार्यभार राजसमन्द अध्यक्ष कमल नाहर संभाल रहे हैं। मंच में दो सदस्य कार्यरत हैं।
—— सर्किट बैंच भी खाली उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 : उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के क्रियान्वयन में राज्य स्तर पर राज्य आयोग एवं जिला स्तर पर सभी जिलों में पूर्णकालिक जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंचों का गठन किया हुआ है। जिसमें जयपुर जिले में 4, जोधपुर में 2 मंच कार्यरत हैं इस प्रकार राज्य में कुल 37 जिला मंच हैं। सभी संभागीय मुख्यालयों पर राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की 7 सर्किट बैंच गठित है। नियमानुसार इस बैंच को समय-समय पर संभागीय मुख्यालयों पर जाकर सुनवाई में अपील सुनते हैं, लेकिन अर्से ये सर्किट बैंच खाली पड़ी है, ऐसे में सुनवाई भी नहीं हो रही।
—— राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के सदस्य प्रमोद झंवर ने बताया कि उदयपुर जिला मंच के सामने ज्यादातर बैंक की शिकायतों, ऑनलाइन ठगी, मोबाइल खराब होने के बाद ठीक नहीं करने, सामान्य बीमा से जुड़े मामले ज्यादा सामने आ रहे है। छोड़े-बड़े व्यापारी हैं जो कागजों में सामान्य उपभोक्ता को उलझाकर गड़बड़ करते हैं।
—– राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के रजिस्ट्रार ने पहले जो दो भर्ती की विज्ञप्तियां निकाली वह गलत थी, इसे लेकर हाइकोई ने आदेश जारी किए हैं, उन्हें खारिज कर दिया है, अब नई भर्तियों की विज्ञाप्तियां निकलेंगी। पहले काफी गलतियां होने के कारण ये अब खाद्य व नागरिक आपूर्ति मामलात की कमेटी की जांच के बाद निकाली जाएंगी। इसके बाद इसे ऑडिटर जनरल अप्रूव करेंगे फिर ये प्रकाशित की जाएंगी। हम चाहते है कि जल्द भर्तियां हो जाएं।
मुग्धा सिह्ना, सचिव, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता सहायता विभाग राजस्थान सरकार