जीवन मौत से संघर्ष कर रहा चंपालाल हुआ मोहताज, बीमारी ने घर पर ही खाट पर पटका
उदयपुर•Apr 28, 2024 / 05:52 pm•
Shubham Kadelkar
खाट में चंपालाल
नयागांव. बचपन से ही दोनों पैरों से विकलांग चंपालाल के साथ नियति से ऐसा खेल खेला कि वह परिवार चलाने वाला ही वह एक मात्र सहारा ही आज परिवार पर बोझ बन गया। वह लाइलाज बीमारी कैंसर से पीड़ित होकर जीवन मौत से संघर्ष कर रहे है, इलाज के लिए उसके पास पैसे भी नहीं है। मां-बाप व भाई की मौत के बाद उसने परिवार को संभालते हुए जैसे-तैसे दो भतीजी के हाथ पीले किए। भाभी के साथ वह मजदूरी कर रहा था लेकिन बीमारी से उससे सबकुछ छीन लिया। चंपालाल बावलवाडा का रहने वाला है। बचपन से ही विकलांग होने के बावजूद वह रोजाना 46 किलोमीटर साइकिल रिक्शा (बेट्री चलित) से खेरवाडा जाकर बढई का काम करके परिवार का भरण पोषण करता था।
Home / Udaipur / Human Angle : दिव्यांगता को हराकर परिवार का किया भरण पोषण, अब कैंसर ने बना दिया बोझ