दो केस और बने सभी बच्चे 14 से 16 के बीच
मानव तस्करी के विरोधी यूनिट के सीआई श्यामसिंह, कांस्टेबल भानूप्रताप सिंह, आसरा विकास संस्थान के संस्थापक भोजराजसिंह ने गुरुवार को ऑपरेशन आशा के तहत सुखेर स्थित लक्ष्मी भोजनालय से तीन बाल श्रमिक मोखी गोगुन्दा निवासी लालाराम पुत्र लोजाराम दाहिमा, नाला मोखी निवासी सुखा पुत्र भग्गा गमेती व बंशी पुत्र सवा गमेती को मुक्त करवाया। तीनों बाल श्रमिकों ने बताया कि वह यहां पर सुबह 9 से रात 10 बजे तक रोटी बनाने, खाना परोसने व बर्तन धोने का काम करते है। उन्हें मासिक चार हजार रुपए तनख्वाह मिलती है। टीम ने भोजनालय मालिक सुखेर निवासी मोहन पुत्र नंदा डांगी के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसी तरह चीरवा मार्ग पर अम्बेरी स्थित केजीएन बैट्री एंड इलेक्ट्रीकल्स पर गरीब नवाज कॉलोनी निवासी अब्दुल मुस्तफा पुत्र गुलाम नबी को मुक्त करवाया। पूछताछ में बालक ने एक माह से ही दुकान पर साफ सफाई व बेट्री का काम करना बताया। टीम ने दुकान मालिक मोहम्मद अशफाक पुत्र सद्दीक खां के विरुद्ध मामला दर्ज किया। इसी तरह दो दिन पूर्व अम्बामाता थानाक्षेत्र में भी तीन बालश्रमिकों को मुक्त करवाया गया।
मानव तस्करी के विरोधी यूनिट के सीआई श्यामसिंह, कांस्टेबल भानूप्रताप सिंह, आसरा विकास संस्थान के संस्थापक भोजराजसिंह ने गुरुवार को ऑपरेशन आशा के तहत सुखेर स्थित लक्ष्मी भोजनालय से तीन बाल श्रमिक मोखी गोगुन्दा निवासी लालाराम पुत्र लोजाराम दाहिमा, नाला मोखी निवासी सुखा पुत्र भग्गा गमेती व बंशी पुत्र सवा गमेती को मुक्त करवाया। तीनों बाल श्रमिकों ने बताया कि वह यहां पर सुबह 9 से रात 10 बजे तक रोटी बनाने, खाना परोसने व बर्तन धोने का काम करते है। उन्हें मासिक चार हजार रुपए तनख्वाह मिलती है। टीम ने भोजनालय मालिक सुखेर निवासी मोहन पुत्र नंदा डांगी के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसी तरह चीरवा मार्ग पर अम्बेरी स्थित केजीएन बैट्री एंड इलेक्ट्रीकल्स पर गरीब नवाज कॉलोनी निवासी अब्दुल मुस्तफा पुत्र गुलाम नबी को मुक्त करवाया। पूछताछ में बालक ने एक माह से ही दुकान पर साफ सफाई व बेट्री का काम करना बताया। टीम ने दुकान मालिक मोहम्मद अशफाक पुत्र सद्दीक खां के विरुद्ध मामला दर्ज किया। इसी तरह दो दिन पूर्व अम्बामाता थानाक्षेत्र में भी तीन बालश्रमिकों को मुक्त करवाया गया।
अम्बामाता क्षेत्र में पकड़ में आए बाल श्रमिक ने अपने परिवार की मजबूरी बताते रोने लगा था। एक बार उसे समझाइश कर घर भेजा गया। बी.के.गुप्ता, बाल कल्याण समिति सदस्य