देहली के सिविल जज मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट में चयन देहली ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा पास करने के बाद देहली के सिविल जज मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट पर चयन हो गया। ट्रेनिंग कर ही रहा था कि आईएएस का परिणाम आ गया और 148वीं रैंक मिली। मुझे ऐसे में आईपीएस कैडर मिला और मैं नेशनल पुलिस एकेडमी हैदराबाद गया।
आईपीएस की ट्रेनिंग
आईपीएस की ट्रेनिंग के साथ ही आईएएस बनने का सपना नहीं छोड़ा और उसकी तैयारी भी जारी रखी। आईएएस की परीक्षा पूरी तैयारी के साथ दी और मुझे 148 से सीधे 42वीं रैंक मिली। इसके लिए मैंने कोई कोचिंग नहीं की। अलबत्ता 10 घंटे नियमित रूप से पढ़ाई जरूर की।
तीनों ही कॉम्पीटिशन के लिए कोचिंग नहीं की
तीनों ही कॉम्पीटिशन के लिए कोचिंग नहीं की। आईएएस की तैयारी के दौरान इंटरनेट से पुराने आईएएस के अनुभव जरूर लिए। वर्धा के तत्कालीन कलक्टर के ब्लॉग से भी नोट मददगार रहे और बाकी पूरा फोकस पढ़ाई पर। उस समय दो ऑप्शनल पेपर होते थे और तब भी बहुत टफ पेपर होते थे। आज के दौर में सामान्य ज्ञान पर पूरा फोकस होना चाहिए।
आईपीएस की ट्रेनिंग के साथ ही आईएएस बनने का सपना नहीं छोड़ा और उसकी तैयारी भी जारी रखी। आईएएस की परीक्षा पूरी तैयारी के साथ दी और मुझे 148 से सीधे 42वीं रैंक मिली। इसके लिए मैंने कोई कोचिंग नहीं की। अलबत्ता 10 घंटे नियमित रूप से पढ़ाई जरूर की।
तीनों ही कॉम्पीटिशन के लिए कोचिंग नहीं की
तीनों ही कॉम्पीटिशन के लिए कोचिंग नहीं की। आईएएस की तैयारी के दौरान इंटरनेट से पुराने आईएएस के अनुभव जरूर लिए। वर्धा के तत्कालीन कलक्टर के ब्लॉग से भी नोट मददगार रहे और बाकी पूरा फोकस पढ़ाई पर। उस समय दो ऑप्शनल पेपर होते थे और तब भी बहुत टफ पेपर होते थे। आज के दौर में सामान्य ज्ञान पर पूरा फोकस होना चाहिए।
एक परिचय सिहाग का
हरियाणा के हिसार के छोटे से गांव सिवानी बोलान के है और उनकी पूरी पढ़ाई पंचकुला में ही हुई है। सिहाग की पत्नी रूकमणि सिहाग भी आईएएस है अभी वे चुरू कलक्टर लगे है। सिद्धार्थ के पिता दिलबाग सिंह हरियाणा में चीफ टाउन प्लानर के पद से रिटायर्ड हुए तो उनका भाई सिद्धांत भी जज है।
हरियाणा के हिसार के छोटे से गांव सिवानी बोलान के है और उनकी पूरी पढ़ाई पंचकुला में ही हुई है। सिहाग की पत्नी रूकमणि सिहाग भी आईएएस है अभी वे चुरू कलक्टर लगे है। सिद्धार्थ के पिता दिलबाग सिंह हरियाणा में चीफ टाउन प्लानर के पद से रिटायर्ड हुए तो उनका भाई सिद्धांत भी जज है।

- नियमित पढ़ाई का तय शिड्यूल रखें
- अफवाहों से दूर रहे
- अपनी कैपेबिलिटी पर भरोसा रखे
- दो साल तैयारी करें, फिर अटेम्प्ट देंगे ऐसा नहीं करें
- हर अटेम्प्ट जरूर दें
- इन्टरनेट से भी अपडेट रहे
- मॉक इंटरव्यू जरूर साझा करें।
- जीके से अपडेट रहें
- आंसर को बैलेंस रखे
- आत्मविश्वास कभी नहीं खोएं