ार्च नहीं होगा एक पैसा ाी नवजात में जन्मजात हृदय की विकृतियों का उपचार अब तक एमबी चिकित्सालय में सं ाव नहीं था। परिजनों को उपचार के लिए अहमदाबाद या अन्य बडे़ महानगरों का रु ा करना पड़ता था जिससे एक से तीन ला ा रुपए ार्च हो जाते थे। शिविर के बाद यहां यह उपचार डॉ मुकेश शर्मा और डॉ दीपक आमेटा करेंगे। इसका सारा ार्च राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत वहन किया जाएगा। एक साल से छोटे बच्चों का उपचार जननी शिशु सुरक्षा योजना के माध्यम से होगा।
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मेडिकल ााषा में ये हैं बीमारियां
– दो नसें जुड़ी हुई होना-पीडीए
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मेडिकल ााषा में ये हैं बीमारियां
– दो नसें जुड़ी हुई होना-पीडीए
– दोनों निलयों के बीच पर्दे में छेद-वेन्ट्रीक्लूयर सेप्टर डिफेक्ट
– दोनों आलिन्द के बीच पर्दे में छेद-एट्रीअल सेप्टर डिफेक्ट – वॉल्व का सिकुड़ा होना-पल्मोनरी स्टिनोसिस
– हृदय से जाने वाली मु य धमनी में ब्लॉक-एओरटा ब्लॉकेज
– दोनों आलिन्द के बीच पर्दे में छेद-एट्रीअल सेप्टर डिफेक्ट – वॉल्व का सिकुड़ा होना-पल्मोनरी स्टिनोसिस
– हृदय से जाने वाली मु य धमनी में ब्लॉक-एओरटा ब्लॉकेज
जल्द उपचार तो टल सकता है ातरा बच्चे की हृदय की मांसपेशियां धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है जिससे हार्ट फेल हो जाता है। हृदय गति व श्वास तेज हो जाती है व रक्तचाप कम हो जाता है, वजन नहीं बढ़ता है। हृदय का छेद छोटा हो तो सहजता इसे बंद किया जा सकता है, लेकिन यदि छेद बड़ा है और समय पर उपचार नहीं मिले तो निमोनिया होने से मौत का ातरा बढ़ जाता है।
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कॉर्डियोलॉजी में होगा पंजीयन
कोई ाी मरीज कॉर्डियोलॉजी वि ााग में पंजीयन करवा सकेगा। अब तक करीब १०० बच्चों का पंजीयन हो चुका है।
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कॉर्डियोलॉजी में होगा पंजीयन
कोई ाी मरीज कॉर्डियोलॉजी वि ााग में पंजीयन करवा सकेगा। अब तक करीब १०० बच्चों का पंजीयन हो चुका है।
—- ये किसी वरदान से कम नहीं यह बच्चों व उनके माता-पिता के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके लिए हमने संसाधनों की ारीद कर ली है। जल्द से जल्द पंजीयन करवाना चाहिए, ताकि बच्चे का जीवन सुरक्षित हो सके।
डॉ ला ान पोसवाल, अधीक्षक महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल उदयपुर
डॉ ला ान पोसवाल, अधीक्षक महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल उदयपुर