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बेटी बेहोश थी तो बहन से पैसे मांगे, मजबूरी में देने पडे़ ३०० रुपए

locationउदयपुरPublished: Apr 28, 2019 08:16:45 pm

– शिकायत के लिए लिखे गए नम्बर थे बंद- जनाना में जारी है लूट खसोट

जनाना में जारी है लूट खसोट

जनाना में जारी है लूट खसोट

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. बात गत छह अप्रेल की हैं। जब मेरी बेटी के राजकीय पन्नाधाय जनाना हॉस्पिटल में बेटा पैदा हुआ था। पुरुषों का अन्दर प्रवेश नहीं है, एेसे में मेरी बेटी के साथ मेरी बहन थी। स्ट्रेचर पर मरीज को यहां-वहां ले जाने वाली एक स्टाफ पहुंची और उसने मेरी बहन से ३०० रुपए मांगे, जब बहन ने मना किया तो उसने कहा कि यहां तो सभी देते हैं, देने ही पड़ेंगे। मरीज को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसलिए मेरी बहन ने उस महिला को ३०० रुपए दे दिए। ये महिला खुले में सभी से बारी-बारी पैसे मांग रही थी, सभी मरीजों की परिजन महिलाएं मजबूरी में उसे पैसे दे भी रहे थी। बेरोकटोक निडर होकर वह सभी से पैसे समेट रही थी। ये आपबीती है एक पिता नारायणलाल (बदला हुआ नाम) की।
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जारी है लूट

पत्रिका ने कुछ दिनों पहले स्टिंग ऑपरेशन कर मामला खोला था कि यहां प्रसूताओं के परिजनों से खुलेआम पैसे लिए जाते हैं, इस पर दो ठेके की स्टाफकर्मियों को हटा दिया गया था, इसके बाद भी अन्दर काम करने वालों को किसी का डर नहीं है। पत्रिका में समाचार प्रकाशित होने के बाद स्टेट एमडी डॉ समित शर्मा ने वीडियो कान्फ्रें सिंग माध्यम से सभी को आगाह किया था कि किसी भी मरीज से कभी कोई पैसा नहीं लिया जाए। बावजूद इसके यहां कार्मिकों की आदतें नहीं बदली।
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हर व्यक्ति को चढ़ाना पड़ता है यहां चढ़ावा

नारायणलाल ने बताया कि उनकी बेटी नेहा (बदला हुआ नाम) का बेटा पैदा होने की खुशी तो थी, लेकिन यहां मौजूद अन्य एेसे न्यून आय वर्ग के लोगों से जब वह स्टाफकर्मी पैसा ले रहे थे तो बहन को बहुत दुख हुआ, लेकिन वह अन्दर कुछ नहीं कर सकती थी। वहां इस तरह की शिकायत के लिए कुछ पर्चे चस्पा किए गए है, लेकिन उस पर अंकित फोन नम्बर ही बंद थे। यहां जो भी आता है उसे हर हाल में चढ़ावा चढ़ाना ही पड़ता है, चाहे कोई अमीर हो या गरीब। उन्होंने बताया कि पूरा मामला यहां उच्चाधिकारियों के ध्यान में लाया गया था, लेकिन किसी ने कोई कारवाई नहीं की। ये स्टाफ पैसे भी तब मांगता है जब प्रसव के बाद में प्रसूता होश में भी नहीं होती।
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पत्रिका से गुहार

पिता ने पत्रिका से गुहार की कि यदि पत्रिका उनकी मदद करता है, तो वे आम लोगों के हित में मामला पुलिस तक भी पहुंचा सकते हैं, प्रसूता शिक्षिका है, इसलिए वे उसका नाम गुप्त रखना चाहते हैं।
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दो दिन पहले ही हमने सभी को चेताया है

दो दिन पहले हमने सभी को चेताया है। हम सभी लोगों से ये आग्रह कर रहे है कि एेसा होने पर तत्काल वहां मौजूद किसी भी चिकित्सक से तत्काल शिकायत की जानी चाहिए। हम प्रयास करेंगे कि भविष्य में इस तरह की शिकायत सामने नहीं आए।
डॉ मधुबाला चौहान, अधीक्षक जनाना हॉस्पिटल उदयपुर

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