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फन डे की मस्ती भा गई तो यहां बच्चों को छुड़ा दिए एक दिन के बस्ते

locationउदयपुरPublished: Feb 24, 2020 12:26:06 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने 2017 में की थी शुरुआत
– हाल में मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार को स्कूलों में नो बैग डे मनाने की बजट घोषणा

फन डे की मस्ती भा गई तो यहां बच्चों को छुड़ा दिए एक दिन के बस्ते

फन डे की मस्ती भा गई तो यहां बच्चों को छुड़ा दिए एक दिन के बस्ते

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. राज्य सरकार ने इस बार जो अपने सरकारी स्कूलों में शनिवार को नो बैग डे मनाने का निर्णय लिया है, वह उसी तर्ज पर जिसकी शुरुआत केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने तीन वर्ष पूर्व यानी वर्ष 2017 को अपने स्कूलों में कर दी थी। केन्द्रीय स्कूलों में प्रत्येक शनिवार को फन डे मनाया जाता है। फन डे यानी इस दिन बच्चों को स्कूल में बैग नहीं लाना होता है। इस दिन कई प्रकार की अन्य गतिविधियां होती है।
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केन्द्रीय विद्यालयों में पांचवीं तक पढऩे वाले बच्चों के लिए यह शुरुआत वर्ष 2017 को की गई थी, राजस्थान में केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने शनिवार को फ न डे के रूप में मनाने का आदेश के बाद कर्नाटक केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने भी अपने स्कूलों में शनिवार को पांचवी तक के विद्यार्थियों को बिना बस्ते की पढ़ाई करवाने का आदेश जारी किया था। उस समय से ही राजस्थान सरकार के अन्तर्गत आने वाले स्कूलों में इसकी शुरुआत की चर्चा थी। हालांकि हाल में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट में इसकी घोषणा की है।
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केवी में ऐसे होता है ये दिन शनिवार का दिन केन्द्रीय विद्यालय के पांचवी तक के विद्यार्थियों के लिए खेलकूद का दिन रहता है, इस दिन केवल ड्रांइग बुक और कलर लेकर बच्चे पहुंचते हैं। सप्ताह में एक दिन बस्ते के बोझ से मुक्ति मिलने के साथ ही बच्चे हंसते खेलते तनाव मुक्त शिक्षा लेकर मुस्कराते घर पहुंचते हैं। प्रत्येक गतिविधि के लिए 90 मिनिट का समय तय किया गया है, हालांकि इसमें बाध्यता नहीं है। माता-पिता के लिए भी इन गतिविधियों में हिस्सा लेने की छूट है, इसके लिए प्रधानाचार्य की सामान्य स्वीकृति जरूरी है।
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केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने इस दिन यानी फन डे शनिवार को विभिन्न कालांशों में योग, आसन, प्राणायाम, व्यायाम, पर्यावरण शिक्षा, श्रमदान, स्वच्छ भारत, गीत, प्रार्थना, संगीत, अभ्यास, खेलकूद लंच के बाद अभिव्यक्ति, कविता, नाटक, चित्रकला, गु्रप डिस्कसन, वाद विवाद, पुस्कालय-वाचनालय, मौखिक गणित एवं भूगोल, पहाड़ा मेप रीडिंग, अभिप्रेरणा, बालसभा, बोधकथा, कॅरियर गाइडेंस एवं जयंती आदि कार्यक्रम शामिल किए गए हैं।
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केंद्रीय विद्यालयों में फ न डे स्कीम शुरू होने के बाद स्टूडेंट्स स्किल डवलपमेंट के साथ स्पोट्र्स गतिविधियों में आगे बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य रखा गया था। यही उद्देश्य राजस्थान की स्कूलों के लिए भी तय किया गया है। सप्ताह में एक दिन बस्ते के बोझ से मुक्ति मिलने के साथ ही बच्चे हंसते-खेलते तनाव मुक्त होकर घर की राह लेंगे। स्टूडेंट्स पर सिर्फ पढ़ाई का बोझ डालने से उनका विकास सही तरह से नहीं हो पाता है। इसलिए कई शिक्षाविदों ने स्कूल में फ न डे योजना शुरू करने की सलाह दी थी, इसी आधार पर राज्य की सरकारी स्कूलों में नो बैग डे शुरू किया गया है। इससे न सिर्फ पढ़ाई का दबाव कम होगा बल्कि बाल फि ल्म जैसी एक्टिविटी में भी भाग लेंगे।
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वर्ष 2017 से केन्द्रीय स्कूलों में शनिवार को फन डे मनाया जा रहा है, इसमें बच्चों को तनाव मुक्त रखने के तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें प्रकृति के समीप लाया जाता है। उन्हें ऐसे तैयार किया जाता है कि वे पढ़ाई के साथ-साथ जीवन में खेल व अन्य गतिविधियों का भी आनन्द लूट सके। पीसी कोठारी, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य केन्द्रीय विद्यालय संख्या एक उदयपुर
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