-------- वर्ष - 2019ओपीडी- 5600 भर्ती- 450ऑपरेशन- 325 -------- वर्ष- 2020 ओपीडी- 3900भर्ती- 211 ऑपरेशन-182 -------- वर्ष- 2021ओपीडी- 6700 भर्ती - 690ऑपरेशन- 526 ----------
जनवरी - 22 ऑपरेशन- 109 ------ जून 21 से अब तक- कुल लिथोटि्रप्सी - 138 ------- दो एमएम से 13 सेमी तक निकाला स्टोन - एमबी हॉस्पिटल में हुए स्टोन ऑप्रेशन में अब तक बीते तीन वर्ष में 1142 ऑपरेशन में 2 एमएम से 13 सेमी तक के स्टोन निकाली गई, जबकि लिथोटि्रप्सी में 30 एमएम तक के स्टोन निकाले हैं।- यहां संभाग के सभी छह जिलों के साथ ही अजमेर, भीलवाड़ा, सिरोही, झालावाड़, नीमच, मन्दसौर, रतलाम से मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।
--------- अलग-अलग ऑपरेशन...- पीसीएनएल ऑपरेशन जिसे छोटे चीरे या दूरबीन से किया जाता हैं, किडनी का पीसीएनएल व गुर्दे की नली का यूआरएस, पेशाब की थैली का दूरबीन से होने वाले ऑपरेशन को सिस्टो लिथो टि्रप्सी कहा जाता है।
- लिथोटि्रप्सी में कोई चीरा नहीं लगता है, ना ही मरीज को बेहोश किया जाता है। मशीन स्वत: ही ध्विन तरंगों को फोकस कर पथ्री को तोड़ती है, जो बाद में शरीर से अपशिष्ट के रूप में यूरीन के साथ बाहर आ जाता है।यहां सुपरस्पेशिलिटी में पांच करोड़ की मशीन जो िस्वटजरलेंड से मंगवाई गई है।
----------- लक्षण- जिन स्टोन का आकार छोटा है इसमें दर्द नहीं होता है पर कई बार दर्द बहुत ही ज्यादा होता है तो उनमें उपचार की ज़रूरत है। गुर्दे की पथरी के कई अन्य लक्षण भी हो सकते हैं।पेट दर्द, यूरीन करते समय दर्द, यूरीन में जलन, गंध व खून साथ ही दर्द के साथ उल्टी आना सहित ज्यादा यूरीन की इच्छा बढ़ना भी एक लक्षण है।कारण- मुख्य कारण गर्म वातावरण होना, पानी कम पीने से व यूरीन गाढ़ा होना मुख्य कारण है। कैिल्शयम आउजलेट, कैिल्शयम फास्फेट किडनी में शामिल होते-होते स्टोन बनने लग जाता है।
----- अब निजी हॉस्पिटलों से भी रेफर होकर आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। दस से ज्यादा जिलों के मरीजों यहां पहुंच रहे हैं। हम लगातार सेवाओं का विस्तार कर रहे हैं।
डॉ सुनील गाेखरू, विभागाध्यक्ष, यूरोलॉजी, आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर